संपादकीय:गणेश उत्सव में आस्था और सुरक्षा – अग्नि खेल के बीच संतुलन जरूरी?गणेश उत्सव : आस्था, एकता और हिंदुत्व का जीवंत संदेश

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गणेश उत्सव : आस्था, एकता और हिंदुत्व का जीवंत संदेश,ॐ श्री गणेशाय नमः।
गणपति बप्पा मोरया।

रुद्रपुर,उधम सिंह नगर की पोश कॉलोनी, रुद्रपुर स्थित ओमेक्स रिवेरा में इस वर्ष भी गणेश महोत्सव का आयोजन उत्साह और भक्ति भाव से किया गया। भजन संध्या, सांस्कृतिक कार्यक्रम और महाआरती जैसे आयोजनों ने इस पर्व को और भव्य बनाया। विशेषकर छोटे बच्चों की प्रस्तुतियों ने वातावरण को जीवंत और आनंदमय कर दिया। निस्संदेह, यह आयोजन श्रद्धा और समाजिक एकता का प्रतीक है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर (अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद,उत्तराखंड)

लेकिन इसी उत्सव के बीच एक घटना/प्रयोग ने चिंता की लकीरें खींच दीं। मंच पर  बाल कलाकार अपने सिर पर अग्नि से जुड़ा कवच पहनकर नृत्य प्रस्तुत कर रहे थे। दर्शकों में बच्चे और परिवारजन पहली पंक्ति में बैठे थे, और वहां न तो कोई अग्निशमन व्यवस्था थी, न ही सुरक्षा मानक पूरे किए गए थे। यह केवल मनोरंजन के नाम पर जोखिम था, जो किसी भी पल बड़े हादसे का कारण बन सकता था।

हमें यह याद रखना होगा कि त्योहारों का असली उद्देश्य सुरक्षित और सामूहिक आनंद है, न कि जोखिम उठाकर आस्था को संकट में डालना। धार्मिक आयोजन में अग्नि प्रवेश जैसे कार्यक्रम जहां सुरक्षा मानक लागू न हों, वहां दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। एक छोटी सी चिंगारी, टेंट की सजावट या बच्चों के कपड़ों में लग जाए, तो स्थिति विकराल हो सकती है।

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स की ओर से हम आयोजकों और प्रशासन दोनों को आगाह करना चाहेंगे कि –

  1. सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अग्नि प्रयोग पर सख्त नियंत्रण हो।
  2. आयोजनों में अग्निशमन यंत्र, पानी की उपलब्धता और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था अनिवार्य हो।
  3. बच्चों को शामिल करने वाले कार्यक्रमों में अतिरिक्त सुरक्षा मानक लागू किए जाएं।

हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारा विरोध गणेश उत्सव या सांस्कृतिक परंपरा से नहीं है। बल्कि यह चेतावनी है कि श्रद्धा के नाम पर लापरवाही को बढ़ावा न दिया जाए। ओमेक्स रिवेरा में हुआ आयोजन भव्य और सराहनीय रहा, लेकिन आयोजकों को भविष्य में यह ध्यान रखना होगा कि कोई भी धार्मिक उत्सव सुरक्षा मानकों की कीमत पर नहीं मनाया जाना चाहिए।

गणेश जी की आराधना के बीच अग्नि प्रवेश का दृश्य असंगत भी है और जोखिम भरा भी। आस्था तभी सार्थक होती है, जब उसमें सुरक्षा और संवेदनशीलता का समावेश हो।

गणेश उत्सव की भव्यता और बच्चों की मासूम भागीदारी बनी रहे, लेकिन हादसों की आशंका नहीं। यही हमारी अपेक्षा और चेतावनी है।



कार्यक्रम में मुख्य रूप से विजय भूषण गर्ग, प्रमुख समाजसेवी संजय ठुकराल, आनंद सिंह नेगी, भरत डांगी, ईश्वर भट्ट अनिल परिहार, मोहिनी बिष्ट,हेमा परिहार, इंदु डांगी,वर्षा बिष्ट, अंजली ढ़ोडीयाल, विजय ढ़ोडीयाल , shathkchi dhondiyal,ललित नंदन बिष्ट, नरेंद्र भंडारी,दीपू बिष्ट, योगेश वर्मा, सौरभ गरजोला, एवं ओमेक्स कार्यकारिणी के मुख्य रूप से अभिषेक अग्रवाल राजकुमार अरोरा,अभिषेक , राजकुमार,मनमोहन कामरा , अभिनव छाबड़ा ,राकेश चौहान ,योगेश लांबा ,सुनील झावर,  ललित मोहन गोयल, रमेश चंद्र जोशी ,अशोक शर्मा , ध्रुव सिंबल, संजय ढौडियाल ,रमन डांग,रितेश मनीचा राधा अरोड़ा , धीरज मिलानी, दिग्विजय त्यागी, राजीव खन्ना  भारी संख्या में ओमेक्स निवासी उपस्थित थे ।गणेश उत्सव : आस्था, एकता और हिंदुत्व का जीवंत संदेश,ॐ श्री गणेशाय नमः।
गणपति बप्पा मोरया।रुद्रपुर की ओमैक्स कॉलोनी में इस वर्ष गणेश उत्सव का आयोजन जिस भव्यता और श्रद्धा से हुआ है, वह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी प्रेरणादायी है। कॉलोनी के निवासियों ने एक साथ मिलकर जिस प्रकार आयोजन को सफल बनाया, वह समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण है।गणेश जी विघ्नहर्ता माने जाते हैं। उनका आशीर्वाद हर कार्य को शुभ और मंगलमय बनाता है। जब समुदाय एक साथ मिलकर उनके चरणों में अपनी भक्ति अर्पित करता है, तो न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि समाज में एकजुटता और भाईचारे की भावना भी प्रबल होती है। ओमैक्स के निवासियों ने इस उत्सव के माध्यम से यही सिद्ध किया है कि आस्था तभी सार्थक होती है जब वह सबको जोड़ने का कार्य करे।भजन संध्या, सांस्कृतिक कार्यक्रम और महाआरती ने वातावरण को दिव्य बना दिया। विशेषकर बच्चों की सक्रिय भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि हिंदुत्व केवल परंपरा का पालन नहीं है, बल्कि नई पीढ़ी तक संस्कारों को पहुंचाने का माध्यम भी है। यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि आधुनिक जीवनशैली के बीच भी भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता जीवित है और आगे बढ़ रही है।हिंदुत्व का मूल संदेश है – “सर्वे भवन्तु सुखिनः”। ओमैक्स कॉलोनी के निवासियों ने इस उत्सव के माध्यम से यही प्रदर्शित किया कि भक्ति का मार्ग सबको जोड़ता है, विभाजन नहीं करता। सामूहिक प्रयास और एकता ही हिंदुत्व की सबसे बड़ी शक्ति है।हम हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स की ओर से ओमैक्स कॉलोनी के सभी निवासियों और आयोजन समिति को साधुवाद देते हैं कि उन्होंने श्रद्धा, अनुशासन और समर्पण के साथ यह उत्सव सफल बनाया। यह उत्सव केवल गणेश जी की पूजा नहीं, बल्कि हिंदुत्व की उस आत्मा का उत्सव है जो प्रेम, शांति और सद्भावना को जीवन का आधार मानती है।गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया।




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