न्याय के देवता गोलज्यू महाराज का आशीर्वाद और भक्ति का पर्व

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गोलज्यू महाराज के आशीर्वाद से भक्ति का आरंभिक पर्व

उत्तराखंड की संस्कृति और आस्था का मूल ही लोकदेवताओं की पूजा-अर्चना रही है। देवभूमि में हर पर्वत, हर नदी और हर घाटी लोकविश्वास से जुड़ी है। इन्हीं लोकदेवताओं में न्याय के देवता श्री गोलज्यू महाराज का विशेष स्थान है। कुमाऊँ ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड में गोलज्यू महाराज को सत्य, न्याय और धर्म के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

मई 2022 में जब रुद्रपुर जैसे तेजी से बदलते और बढ़ते नगर में श्री गोलज्यू संदेश यात्रा का आगमन हुआ, तभी से यहां की धरती पर भक्तिभाव का एक नया अध्याय शुरू हुआ। शैल भवन, गंगापुर रोड के प्रांगण में भक्तों की आस्था और सहयोग से निर्मित भव्य मंदिर इसका प्रमाण है कि आज भी लोकदेवताओं की शक्ति और लोगों का विश्वास जीवित है।

08 और 09 अक्टूबर 2025 को मंदिर स्थापना दिवस और वार्षिक अनुष्ठान केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज और संस्कृति को जोड़ने का माध्यम है। इन दो दिनों में आरती, जागर, हवन, सुन्दरकाण्ड, भजन-कीर्तन और भण्डारे के माध्यम से भक्ति और सामाजिक सद्भाव का वातावरण निर्मित होगा। यह आयोजन एक अवसर है कि लोग अपने पारिवारिक, सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में न्याय, सत्य और समर्पण जैसे मूल्यों को आत्मसात करें।

ऐसे आयोजनों से समाज में यह संदेश जाता है कि भले ही समय कितना ही आधुनिक क्यों न हो जाए, लोक आस्था की जड़ें हमें हमेशा अपनी संस्कृति और परंपरा से जोड़े रखती हैं। गोलज्यू महाराज का मंदिर केवल पूजा का स्थान नहीं, बल्कि न्याय, आस्था और एकता का केंद्र है।

आज जब समाज विभाजन और भौतिकता की ओर बढ़ रहा है, तब ऐसे आयोजनों का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए भक्ति का पर्व है और समाज के लिए सांस्कृतिक पुनर्जागरण का संदेश।



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