
रूद्रपुर 04 अक्टूबर 2025शहीदों के सम्मान में आयोजित शहीद सम्मान यात्रा-2.0 के तहत शनिवार को जनपद ऊधमसिंहनगर से ताम्र कलशों को पौड़ी जनपद के लिए रवाना किया गया। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने कलेक्ट्रेट परिसर से वाहन को हरी झंडी दिखाकर यात्रा की शुरुआत की।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी
यह ताम्र कलश ग्राम गौरीकला किच्छा के शहीद देव बहादुर और खटीमा के कंजाबाग डेरी फार्म के शहीद सूबेदार डम्बर चन्द के घर-आंगन से संग्रहित मिट्टी से भरे गए हैं। इन कलशों को लेकर शहीदों के परिजन भी लैंसडाउन जा रहे हैं, जिनके ठहरने और अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी जिला प्रशासन ने संभाली है।
जिलाधिकारी ने बताया कि 05 अक्टूबर को पौड़ी जनपद के लैंसडाउन स्थित गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर में भव्य शहीद सम्मान समारोह आयोजित होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शहीद सैनिकों के आश्रितों को ताम्रपत्र प्रदान कर सम्मानित करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर से शहीदों के घर-आंगन से एकत्रित मिट्टी को देहरादून स्थित शौर्य स्थल (सैन्यधाम) में प्रतिस्थापित किया जाएगा।
इस मौके पर अपर जिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्र, उप जिलाधिकारी गौरव पाण्डेय, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी सेनि0 कर्नल सी.पी. कोठारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सैनिक कल्याण महेश चन्द्र भट्ट, सूवे0 मेजर सुन्दर सिंह, अजय कुमार, पुष्कर दत्त, आकाश कुमार, सुदर्शन बोरा, कुन्दन राम सहित शहीदों के परिजन मौजूद रहे।
शहीद सम्मान यात्रा 2.0 : शहीदों की मिट्टी लेकर निकली यात्रा, सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक।शहीद सम्मान यात्रा-2.0 के अंतर्गत शनिवार को जनपद ऊधमसिंहनगर से शहीदों की पावन मिट्टी लेकर यात्रा पौड़ी जनपद के लिए रवाना हुई। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने कलेक्ट्रेट परिसर से कलश वाहन को हरी झंडी दिखाकर यात्रा की शुरुआत की।
इस अवसर पर ग्राम गौरीकला किच्छा के शहीद देव बहादुर तथा खटीमा के कंजाबाग डेरी फार्म के शहीद सूबेदार डम्बर चन्द के घर-आंगन से ताम्र कलशों में संग्रहित मिट्टी यात्रा के लिए लेकर जाई गई। शहीदों के परिजन भी इस यात्रा में सम्मिलित हुए।
जिलाधिकारी ने बताया कि 05 अक्टूबर को पौड़ी जनपद के लैंसडाउन स्थित गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर में भव्य शहीद सम्मान समारोह होगा, जहाँ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शहीद सैनिकों के आश्रितों को ताम्रपत्र भेंटकर सम्मानित करेंगे। साथ ही, प्रदेशभर से एकत्र की गई शहीदों की मिट्टी को देहरादून स्थित शौर्य स्थल (सैन्यधाम) में प्रतिस्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह यात्रा न केवल शहीदों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है बल्कि यह सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता का भी संदेश देती है। इसमें सभी धर्मों और वर्गों के लोग शामिल होकर यह साबित कर रहे हैं कि शहीद किसी एक समाज या पंथ के नहीं बल्कि पूरे देश के होते हैं।


