धनतेरस का दिन धन, स्वास्थ्य और दीर्घायु का प्रतीक पर्व माना जाता है. इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है.

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लेकिन इन सबके साथ एक और विशेष पूजा का विधान है यमराज के नाम का दीपक जलाना. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस की शाम सूर्यास्त के बाद घर के बाहर यमदेव के नाम का दीपक जलाना अत्यंत शुभ होता है. मान्यता है कि ऐसा करने से यमदेव प्रसन्न होते हैं और परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि यम दिवाली के दिन यम देवता के लिए दीया किस दिशा में जलाना चाहिए और इससे जुड़ी अन्य मान्यताएं क्या-क्या हैं.

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

किस दिशा में जलाएं यम का दीपक?

ज्योतिष और धर्मशास्त्रों के अनुसार, यमराज दक्षिण दिशा के स्वामी माने जाते हैं. इसलिए धनतेरस की रात घर की दक्षिण दिशा में दीपक जलाना शुभ माना गया है. यम देवता के निमित्ति इस दिशा में यम दीपक जलाने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है और अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है.

धनतेरस पर कैसा होना चाहिए यम दीपक?

धनतेरस के दिन यम दीपक को घर के मुख्य द्वार के दक्षिण भाग में बाहर की ओर मुख करके रखा जाता है. यह दीपक तिल या सरसों के तेल से जलाया जाता है, जिससे वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.

धनतेरस पर यम दीपक क्यों जलाते हैं

ऐसा माना जाता है कि धनतेरस की रात यम दीपक जलाने से व्यक्ति के जीवन से मृत्यु का भय समाप्त होता है. यह दीपक दीर्घायु, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. घर में शांति और सकारात्मकता का वातावरण बनता है.


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