ध नतेरस या धन त्रयोदशी कल 18 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान कुबेर, भगवान धन्वंतरि, और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. धनतेरस के दिन यमराज की भी पूजा की जाती है. इस दिन खासतौर से सोना, चांदी, बर्तन, या अन्य धातुएं खरीदी जाती हैं.

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जानते हैं धनतेरस की पूजा विधि, खरीदारी और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में.

धनतेरस पूजा मुहूर्त

कल प्रदोष काल शाम 5 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. वृषभ काल शाम 7 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 9 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. पूजा मुहूर्त शाम 7 बजकर 16 मिनट से रात 9 बजकर 11 मिनट तक रहेगा.

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

खरीदारी का शुभ मुहूर्त : अमृत काल सुबह 8 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 33 मिनट तक रहेगा.
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.
लाभ उन्नति चौघड़िया मुहूर्त: दोपहर 1 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.

कैसे करें पूजा

धन्वंतरि की पूजा: प्रदोष काल में भगवान धन्वंतरि की मूर्ति को घर के उत्तर पूर्व दिशा में रखें. दीपक जलाएं और धूप फूल अक्षत हल्दी कुमकुम अर्पित करें. ॐ धन्वंतराये नमः मंत्र का जप करें.

मां लक्ष्मी की पूजा: धनतेरस पर मां लक्ष्मी की पूजा करने से सौभाग्य , धन और समृद्धी का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन घर की साफ सफाई करें, दीपक फूल से रंगोली बनाए. ‘ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ’ का जाप करते हुए लक्ष्मी की पूजा करें.

भगवान कुबेर की पूजा: भगवान कुबेर की पूजा के लिए, सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें. पूजा स्थान को साफ करें. फिर, एक चौकी पर कुबेर जी की मूर्ति या फोटो स्थापित करें. दीपक जलाकर चंदन का तिलक लगाएं. धूप, फूल, फल, और नैवेद्य (जैसे खीर) अर्पित करें. ‘ॐ लक्ष्मी कुबेराय नमः’ या ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः’ का जाप करें✧ धार्मिक और अध्यात्मिक


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