कार्तिक महीने के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन त्रयोदशी या धनतेरस मनाई जाती है. इस साल धनतेरस 18 अक्‍टूबर 2025, शनिवार को मनाई जा रही है. धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदते हैं, भगवान धन्‍वंतरी, कुबेर देव और माता लक्ष्‍मी की पूजा करते हैं.

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साथ ही शाम को यम दीपक जलाते हैं. धनतेरस के दिन यम दीपक जलाने का बड़ा महत्‍व है.

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

धनतेरस पर यम दीपक क्‍यों जलाते हैं?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, ”प्राचीन काल में हेम नामक राजा को लंबे समय बाद ईश्वर की कृपा से एक पुत्र प्राप्त हुआ. लेकिन राजकुमार की कुंडली में लिखा था कि उसकी शादी के चार दिन बाद उसकी मृत्यु हो जाएगी. राजा ने पुत्र को सुरक्षित रखने के लिए उसे ऐसी जगह भेजा, जहां किसी लड़की की छाया भी उस पर न पड़े. पर वहां रहते हुए राजकुमार ने एक राजकुमारी से विवाह कर लिया. शादी के चौथे दिन यमराज के दूत राजकुमार के पास आए. उसकी पत्नी रोने लगी और अपने पति को अकाल मृत्यु से बचाने का उपाय पूछने लगी. तब दूतों ने यह सब यमराज को बताया. यमराज ने कहा कि मृत्यु निश्चित है, लेकिन धनतेरस के दिन, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को दीपक जलाने वाले व्यक्ति की अकाल मृत्यु टल सकती है. तब से ही हर साल धनतेरस पर यम का दीपक जलाने की परंपरा निभाई जाती है.

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यम दीपक जलाने का समय

इस साल धनतेरस पर यम दीपक जलाने का समय 18 अक्टूबर को को शाम 5:48 बजे से 7:05 बजे तक माना गया है. इस समय में विधिवत तरीके से यमराज के नाम का यम दीपक जलाने से पूरा परिवार अकाल मृत्‍यु से बचा रहता है.

यम दीपक कहां, कैसे जलाना चाहिए?

यम दीपक घर के बाहर दक्षिण दिशा में जलाया जाता है, क्योंकि दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है. इस दिशा में दीपक जलाने से परिवार के सभी सदस्यों की उम्र लंबी होती है, अकाल मृत्‍यु का भय नहीं रहता है. यम दीपक को आटे से बनाएं या मिट्टी का दीपक भी जला सकते हैं. ध्‍यान रहे कि आटे में नमक ना मिलाएं. दीपक में रुई की 2 लंबी बातियां रखकर चौमुखी दीपक बनाएं. इसमें सरसों का तेल डालकर जलाएं. दीपक की रोली, अक्षत और फूलों से पूजा करें. दीपक को दक्षिण दिशा में गेहूं या खील के ढेर पर रखें. दीपक रखते समय यमराज के मंत्र ”ॐ यमदेवाय नमः” का जाप करें. फिर दक्षिण दिशा को प्रणाम करें.

(Disclaimer – प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)✧ धार्मिक और अध्यात्मिक


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