हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स ,अवतार सिंह बिष्ट ,रूद्रपुर उत्तराखंड बुआ की ‘सियासी पाठशाला’ में ऐसे बुना गया ‘प्लान आकाश’, इन मुद्दों से मायावती साधेंगी लोकसभा का चुनाव

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गरीबों, पिछड़ों और वंचित समाज को वोट हमारा, राज तुम्हारा की शोषणकारी व्यवस्था से निजात दिलाने को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से अगले साल होने वाले आम चुनाव में दोगुनी मेहनत कर पार्टी का जनाधार बढ़ाने का आह्वान किया है.

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स ,अवतार सिंह बिष्ट ,रूद्रपुर उत्तराखंड

मायावती ने आज रविवार को पार्टी की अखिल भारतीय बैठक में देश के कई राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारियों को आम चुनाव को लेकर कई तरह के विस्तृत दिशा-निर्देश दिए. साथ ही बैठक के दौरान मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी चुन लिया. हालांकि आकाश को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर अन्य राज्यों की जिम्मेदारी मिली है.

डबल मेहनत से काम करना होगाः मायावती

बीएसपी प्रमुख ने बैठक में पार्टी पदाधिकारियों से आह्वान करते हुए कहा, “हमें विरोधी दलों के छल और छलावों (Foul Play) के सहारे राजनीतिक और चुनाव स्वार्थ का सही से सामना करने को लेकर डबल मेहनत से काम करना होगा. साथ ही संगठन की मजबूती और पार्टी का जनाधार बढ़ाने की भी कोशिश करनी होगा तभी मेहनतकश बहुजनों को शोषणकारी व्यवस्था से मुक्ति मिल सकेगी.

मायावती ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा, “विपक्षी दलों के लोग सैकड़ों और हजारों करोड़ रुपयों के चंदों के दम पर खर्चीला चुनाव लड़कर जनमत को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं, जबकि बीएसपी अपने लोगों के खून-पसीने की कमाई पर आश्रित है.” उन्होंने कहा, “आंबेडकरवादी पार्टी के रूप में बीएसपी की कोशिश बहुजन समाज के कई अंगों को जोड़कर उनकी राजनीतिक शक्ति बाबा साहेब आंबेडकर की सोच के मुताबिक विकसित करने की है ताकि सत्ता की मास्टर चाबी के जरिए सभी गरीब और बहुजन समाज के लोग अपना उद्धार स्वयं करने योग्य बन जाएं.”

आम चुनाव मजबूती से लड़ना होगाः मायावती

बैठक के दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी आह्वान किया कि वे आम लोगों और देशहित की नीति और सिद्धांत के बजाए विरोधी दलों के धनबल और लुभावने वादों के जरिए चुनावी स्वार्थ का सामना करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. साथ में पार्टी का जनाधार भी बढ़ाना होगा.

पूर्व सीएम मायावती ने यह भी कहा कि पिछले दिनों खत्म हुए विधानसभा चुनाव में कड़े मुकाबले के आसार के बीच एकतरफा परिणाम आना बेहद गंभीर मुद्दा है. इस पर चर्चा की जानी चाहिए. उम्मीद है कि लोकसभा का अगला चुनाव भी इसी तरह के भ्रामक नारों और चुनावी छलावों के साथ लड़ा जाएगा. जबकि गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दे जस के तस ही रहेंगे.

उन्होंने अगले साल होने वाले आम चुनाव को लेकर आगाह करते हुए बीएसपी प्रमुख ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी चुनावी माहौल को जातिवादी और सांप्रदायिक रंग में झोंककर प्रभावित करने की कोशिश होगी, जिससे महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी जैसे मामलों से ध्यान हटाया जा सके. साथ ही मायावती ने बैठक में किसी भी चुनावी गठबंधन में शामिल नहीं होने की बात को दोहराते हुए कहा कि इस तरह का अनुभव बहुजन आंदोलन के हित में बहुत ही खराब रहा है.

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