


प्रतिनिधिमण्डल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, विधायक प्रीतम सिंह, भुवन कापड़ी, फुरकान अहमद, आदेश चौहान, ममता राकेश एवं सुमित हृदयेश भी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उपद्रवग्रस्त क्षेत्र में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए त्वरित कार्रवाई की है।


उन्होंने कांग्रेस नेताओं को यह भी बताया कि घटना की जांच के लिए कुमाऊं के आयुक्त को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। धामी ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। प्रतिनिधिमण्डल ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून के साथ खिलवाड़ करने वालों का वे भी समर्थन नहीं करते हैं।

