राष्ट्रीय स्तर पर एक के बाद एक बड़ी खबरें सामने आ रही हैं। नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद राजधानी दिल्ली में भगवा लहर स्थापित हो गई है। और अब एक और बड़ी खबर आई है।

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भारत के लिए ₹1 लाख करोड़ की एक बड़ी डील फाइनल होने जा रही है। अगर यह डील पूरी होती है, तो भारत की सैन्य ताकत और अधिक मजबूत हो जाएगी।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की ताकत और अधिक सशक्त होगी।

भारत की डील फाइनल होने की कगार पर

मिली जानकारी के अनुसार, भारत और फ्रांस के बीच ₹1 लाख करोड़ की डील फाइनल होने वाली है। इसमें से ₹63,000 करोड़ की डील केवल 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों के लिए की जा रही है। इनमें से 22 सिंगल-सीटर और 4 डबल-सीटर फाइटर जेट होंगे। इसके अलावा, भारत और फ्रांस के बीच 3 और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण की भी डील होने जा रही है। ये तीनों पनडुब्बियां भारत के मझगांव डॉक में बनाई जाएंगी।

डील में क्या तय हुआ है?

जैसा कि रिपोर्ट्स से पता चला है, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से हरी झंडी मिलते ही यह डील फाइनल हो जाएगी! वर्तमान में, मोदी फ्रांस दौरे पर हैं। भारत ने 26 राफेल एम लड़ाकू विमानों की इस डील के लिए फ्रांस के साथ व्यावसायिक बातचीत की है। ये लड़ाकू विमान विशेष रूप से भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रांत के लिए खरीदे जाएंगे। इस युद्धपोत के लिए दो इंजन वाले डेक-बेस्ड फाइटर जेट की आवश्यकता होगी।

दोनों देशों के बीच चर्चा हुई

सूत्रों के अनुसार, पिछले साल फ्रांस का एक प्रतिनिधि दल भारत आया था। उसी दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक चर्चा हुई थी। फ्रांस से अनुरोध किया गया है कि राफेल मरीन में भारत में निर्मित हथियारों को जोड़ा जाए। इसके अलावा, पहले खरीदे गए राफेल मरीन फाइटर जेट्स के आधार पर इस बार की कीमत तय करने को लेकर भी बातचीत हुई है।

गौरतलब है कि भारत के पास इस समय कुल 36 राफेल मरीन लड़ाकू विमान हैं। इससे पहले, 2023 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में भारतीय रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल एम खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इससे पहले, 2016 में भारत ने फ्रांस के साथ राफेल डील की थी।


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