
वहीं पहलगाम में हुए आतंकी हमले का एक अहम गवाह NIA के सामने आया है। जो पहलगाम हमले के समय वहां मौजूद था। ये शख्स इस घटना की जांच का अहम सबूत बन गया है क्योंकि इसने अपने कैमरे में पूरी घटना को कैद कर लिया है।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
आखिर कौन है ये शख्स जिसने आतंकी हमले की कर ली पूरी रिकॉर्डिंग?
पहलगाम हमले का प्रमुख गवाह बना ये शख्स पहलगाम का एक लोकल फोटोग्राफर है। ये शख्स बैसरन की घाटी में आने वाले पर्यटकों की रील्स और हनीमून पर आए कपल का वीडियो शूट किया करता था। 22 अप्रैल 2025 को जब बैसरन की घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया तब ये वहीं मौजूद था। इसने अपनी आंखो से वो पूरा भयावह मंजर देखा ही नहीं उसे अपने कैमरे में भी कैद कर लिया। हालांकि सुरक्षा कारणों से पुलिस ने इस बहादुर शख्स के नाम का खुलासा नहीं किया है।
कैसे की पहलगाम हमले की रिकॉर्डिंग?
ये फोटोग्राफर आतंकवादी हमलावरों से अपनी जान बचाने के लिए एक पेड़ पर चढ़ गया और वहीं से इसने चुपके-चुपके पहलगाम आतंकी हमले की घटना की अपने कैमरे में रिकार्डिंग कर डाली।
NIA के लिए बना पहलगाम हमले का अहम गवाह
बता दें गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जांच की बागडोर अपने हाथ में ले ली है। अब ये शख्स अनजाने में ऐसा काम कर दिखाया है जिसके बाद ये NIA के लिए एक महत्वपूर्ण गवाह बन गया। भयावह फुटेज में न केवल आतंकवादियों की हरकतें बल्कि सामने आने वाले अराजक दृश्य भी कैद हुए, जिससे हमलावरों की पहचान, उनकी हरकतें और उनकी हमला करने की रणनीति जैसी अहम जानकारी मिली है।
कैसे और कहां से घुसे थे आतंकी?
बता दें पहलगाम हमले की जांच में खुलासा हुआ है कि आतंकियों ने कोकरनाग के घने जंगलों को 20 से 22 घंटे में पार किया ओर बैसरन पहुंचे। घाटी के पास की दुकानों के पीछे से निकलकर उन्होंने बेखबर पर्यटकों पर अचानक हमला किया, चार लोगों को करीब से गोली मारने से पहले उनसे ‘कलमा’ पढ़ने को कहा था। वहीं लोग जब अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे और अफरा-तफरी के बीच, आतंकवादी दो मोबाइल फोन लूटकर साथ ले गए।इतना ही नहीं कुल 26 पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया।
पहलगाम हमले करने वाले कौन थे ये आतंकी?
पहलगाम हमले से जुड़े हर साक्ष्य की जांच के बाद इस हमले में शामिल हमलावरों की पहचान करने में एनआईए को महत्वपूर्ण सफलता मिली है। जांच में पता चला है कि हमले के पीछे चार आतंकवादी हैं, जिनमें से तीन पाकिस्तानी मूल के हैं और एक कश्मीर का नागरिक है, जिसकी पहचान आदिल थोकर के रूप में हुई है। जो 2008 में स्टूडेंट वीजा पर पाकिस्तान चला गया था। इस खोज ने एनआईए की जांच को इस हत्याकांड की साजिश की गहन जांच की ओर मोड़ दिया है।
