
देहरादून।केशोवाला स्थित बलूनी पब्लिक स्कूल (बीपीएस) में शुक्रवार को समर कैंप का भव्य समापन समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जाने-माने संस्कृतिकर्मी एवं प्रोफेसर डॉ. डी.आर. पुरोहित ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जीवन में किसी भी मोड़ पर निराश न हों, निरंतर प्रयास और संकल्प ही सफलता की कुंजी है।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
कार्यक्रम की शुरुआत में उपप्रधानाचार्या डॉ. प्रांजलि पुरोहित भट्ट ने मंच से सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि 24 मई से शुरू हुए इस समर कैंप में बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए अनेक रचनात्मक एवं कौशल-वर्धक गतिविधियों का आयोजन किया गया। इनमें क्ले आर्ट, थियेटर, योग, ज़ुंबा, पारंपरिक एवं पाश्चात्य नृत्य-संगीत, लोक कला, स्विमिंग, फुटबॉल, क्रिकेट, स्क्रैबल जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं।
समापन समारोह का मुख्य आकर्षण रहा रंगकर्मी अंजलि नेगी द्वारा रचित और स्कूल की अकादमिक समन्वयक आवृत्ति पुरोहित पोखरियाल द्वारा निर्देशित नाटक ‘हिरण्यकश्यप के मर्डर केस’। इस नाटक में छात्रों ने अपने प्रभावशाली संवादों और अभिनय से अंकिता भंडारी हत्याकांड को प्रतीकात्मक रूप में प्रस्तुत करते हुए न्याय प्रणाली की निष्क्रियता पर सवाल खड़े किए और महिला सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे पर दर्शकों को झकझोर दिया।
स्कूल के प्रबंधक कविलास नेगी, वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ. के.सी. पुरोहित, समाजसेवी प्रदीप भट्ट सहित अभिभावकगण, शिक्षक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं समारोह में उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए और उनके रचनात्मक योगदान की सराहना की गई।
कार्यक्रम के अंत में नीतीश बलूनी ने सभी आगंतुकों, आयोजकों और छात्रों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
समाज को झकझोरते नन्हे स्वर – बलूनी पब्लिक स्कूल का उदाहरणीय प्रयास— दिनेश शास्त्री
जब स्कूलों की गतिविधियाँ केवल पाठ्यक्रम तक सीमित रह जाएं, तब समाज की चेतना भी सीमित हो जाती है। लेकिन जब कोई शिक्षण संस्थान अपने विद्यार्थियों को समाज की ज्वलंत घटनाओं पर सोचने, प्रश्न उठाने और स्वर देने का अवसर देता है, तब शिक्षा का असली उद्देश्य सिद्ध होता है। केशोवाला स्थित बलूनी पब्लिक स्कूल द्वारा आयोजित समर कैंप इसका उत्कृष्ट उदाहरण है।
बच्चों के लिए क्ले आर्ट, थियेटर, योग, ज़ुंबा, लोक संगीत और नृत्य जैसी विविध गतिविधियाँ केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में ठोस कदम हैं। लेकिन इस आयोजन का सबसे प्रभावशाली पक्ष रहा – ‘हिरण्यकश्यप के मर्डर केस’ नाटक। अंकिता भंडारी जैसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर बच्चों द्वारा किया गया अभिनय सिर्फ एक प्रस्तुति नहीं, बल्कि यह सामाजिक तंत्र के प्रति उठती हुई नई पीढ़ी की व्याकुल पुकार थी।
इस नाटक के माध्यम से बच्चों ने न केवल न्याय की मांग की, बल्कि यह भी जता दिया कि वे अब समाज के अंधकार में खोए रहना नहीं चाहते। यह दृष्टिकोण आश्वस्त करता है कि भविष्य की पीढ़ी न्यायप्रिय, जागरूक और सशक्त बन रही है।
बलूनी पब्लिक स्कूल के प्रबंधन, शिक्षकों और विशेष रूप से नाटक की रचयिता अंजलि नेगी व निर्देशिका आवृत्ति पुरोहित पोखरियाल की जितनी सराहना की जाए, कम है। उन्होंने बच्चों को केवल मंच नहीं, आत्म-अभिव्यक्ति का माध्यम दिया।
आज जब देशभर में शिक्षा को केवल परीक्षा और अंक आधारित प्रणाली में समेटा जा रहा है, तब बीपीएस जैसे संस्थानों की पहल यह याद दिलाती है कि शिक्षा का मूल उद्देश्य सिर्फ करियर नहीं, चरित्र निर्माण भी है। ऐसे समर कैंप न केवल छुट्टियों को रचनात्मक बनाते हैं, बल्कि बच्चों के भीतर वह बीज बोते हैं, जो कल समाज का स्वरूप गढ़ सकते हैं।
