
यह बयान उन्होंने राज्यसभा सदस्यों जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन के पूछे गए प्रश्न के जवाब में दिया। इन सदस्यों ने पूछा था कि क्या सरकार आगामी बजट 2025-26 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा करने पर विचार कर रही है।


हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट
8वें वेतन आयोग की मांग
केंद्र सरकार के कर्मचारी और उनके संघ लंबे समय से 8वें वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं। पिछले बजट 2024-25 के दौरान भी कर्मचारी संगठनों ने कैबिनेट सचिव और वित्त मंत्रालय से आयोग के गठन की मांग की थी। अब नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) की बैठक दिसंबर में होने की उम्मीद है। यह बैठक पहले इसी महीने होने वाली थी, लेकिन इसे अब दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस परिषद ने जुलाई 2024 में भी सरकार से आयोग के गठन की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद अगस्त 2024 में एक और अपील की गई थी।
8वें वेतन आयोग से उम्मीदें
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की उम्मीद है। नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि वे 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की उम्मीद कर रहे हैं। यह 7वें वेतन आयोग के तहत दिए गए 2.57 फैक्टर से 29 बेसिस प्वाइंट अधिक है। यदि 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है। इसी तरह पेंशन में भी 186% की बढ़ोतरी हो जाएगी।
7वें वेतन आयोग का इतिहास
7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित किया गया था और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं। इसके तहत न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया गया था। इसमें वेतन संरचना, भत्तों और पेंशन में संशोधन जैसे कई बड़े बदलाव शामिल थे। भारत में वर्तमान में 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स हैं। वेतन आयोग हर 10 साल में गठित किया जाता है। हालांकि यह कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
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