


पीएम नरेंद्र मोदी सुबह 11 बजे हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद दोपहर 1:15 बजे मंडी में जनसभा को संबोधित करेंगे।


हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /प्रिंटिंग मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स /संपादक अवतार सिंह बिष्ट , रूद्रपुर, उत्तराखंड
यहां से पीएम मोदी पंजाब के लिए रवाना हो जाएंगे। यहां गुरदासपुर में पीएम मोदी दोपहर 3:30 बजे और जालंधर में शाम 5:30 बजे जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सुबह 11:30 बजे बिहार के भोजपुर जिले के आरा में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। बाद में वह झारखंड में दोपहर 2:30 बजे जामताड़ा में और शाम 4 बजे मधुपुर में रैली को संबोधित करेंगे।
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तर प्रदेश में तीन जनसभाओं को संबोधित करेंगे। वह दोपहर 1 बजे कुशीनगर में, दोपहर 3 बजे बलिया और शाम 5:05 बजे रॉबर्ट्सगंज में जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सुबह 11:35 बजे महराजगंज में, दोपहर 12:50 बजे कुशीनगर में, दोपहर 1:50 बजे देवरिया के पथरदेवा में, दोपहर 3 बजे देवरिया के बरहज में और शाम 4:15 बजे गोरखपुर में जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस नेता शशि थरूर दोपहर 1 बजे पटना स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दोपहर 2 बजे झारखंड के देवघर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती पंजाब के नवांशहर में एक जनसभा को संबोधित करेंगी।
-लोकसभा चुनावों में एनडीए ने 400 सीट जीतने का नारा लगाया. विपक्ष ने बीजेपी के इस आक्रामक अभिय़ान को जिस तरह से हैंडल किया उसकी तारीफ करनी होगी. विपक्ष ने 400 पार के नारे को संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ में बदल दिया. इसके बावजूद बीजेपी अपने स्टैंड पर कायम रही. अब 4 जून को पता चलेगा की इस नारे का फायदा एनडीए को कितना मिला?
बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए 400 सीट का टार्गेट रखा हुआ है. पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दोनों यह लगातार दावा कर रहे हैं कि बीजेपी 400 सीटों पर विजय हासिल कर रही है. इस बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही ओर से जनता को बताया जा रहा है कि अगर एनडीए को 400 सीटों मिल गईं तो सरकार क्या क्या कर सकती है. सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों तरफ से जो बातें की जा रही हैं वह अतिशयोक्ति ही लग रही हैं.हालांकि चुनावी मंचों पर जनता को मोटिवेट करने के लिए इस तरह के डिफनिशन पार्टियां देती रही हैं. पर इस बार कुछ ज्यादा ही हो गया है. इस नारे का फायदा इन चुनावों में अपने अपने हिसाब से पक्ष और विपक्ष दोनों ने उठाया है. 4 जून को चुनाव रिजल्ट से ही पता चलेगा कि इस नारे से बीजेपी को कितना फायदा हुआ या विपक्ष ने संविधान बचाने का डर दिखाकर बीजेपी की रणनीति पर पानी फेर दिया.
