भो ले-भाले निवेशकों के साथ 48000 करोड़ रुपये का धोखा किया गया। दागी संपत्तियों को बेदाग कर अपराध की आय से ऑस्ट्रेलिया सहित कई जगहों पर अचल संपत्तियां में खरीदी गई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दिल्ली जोनल कार्यालय ने अब मेसर्स पीएसीएल, उनके निदेशकों और अन्य के खिलाफ चल रही जांच के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 17 मई को विशेष न्यायालय (पीएमएलए), नई दिल्ली के समक्ष आरोपी हरसतिंदर पाल सिंह हेयर और अन्य के खिलाफ पूरक अभियोजन शिकायत (एसपीसी) दायर की है।

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उसी का संज्ञान विशेष न्यायालय (पीएमएलए) द्वारा 9 जून को लिया गया है। ईडी ने सीबीआई, बीएसएफसी, नई दिल्ली द्वारा आईपीसी, 1860 की धारा 120-बी और 420 के तहत मेसर्स पीएसीएल, मेसर्स पीजीएफ लिमिटेड, एनएस भंगू और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। वे निवेशकों को धोखा देने के लिए धोखाधड़ी वाली 48,000 करोड़ रुपये की निवेश योजनाओं के संचालन में शामिल थे।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
बता दें कि स्वर्गीय एनएस भंगू के दामाद हरसतिंदर पाल सिंह को ईडी ने इस वर्ष 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वे अभी तक न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी की जांच में पता चला है कि मेसर्स पीएसीएल द्वारा एकत्र किए गए फंड को हरसतिंदर पाल सिंह हेयर द्वारा नियंत्रित मेसर्स एमडीबी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी इकाई में डायवर्ट किया गया था। इसका मकसद, फंड के अवैध स्रोत को छुपाकर दागी संपत्तियों को बेदाग संपत्तियों के रूप में पेश किया जा सके। साथ ही उनका दावा किया जा सके।
इसके अलावा, मुंबई, पंजाब, हरियाणा में स्थित कई अचल संपत्तियों को 2011-2014 की अवधि के दौरान मेसर्स पीएसीएल द्वारा भोले-भाले निवेशकों से एकत्र किए गए फंड से हरसतिंदर पाल सिंह हेयर ने अपने नाम पर खरीदा था। यह अपराध की आय (पीओसी) के अलावा और कुछ नहीं था। इस तथ्य के बावजूद कि ये संपत्तियां पीओसी से खरीदी गई थीं, हरसतिंदर पाल सिंह हेयर ने जानबूझकर इन संपत्तियों को अपने पास रखना, उपयोग करना, दावा करना और अपने नाम पर बेदाग संपत्तियों के रूप में पेश करना जारी रखा।
पीएमएलए जांच के दौरान, यह पाया गया कि मेसर्स पीएसीएल की कई सहयोगी कंपनियों में निदेशक हरसतिंदर पाल सिंह हेयर, जिसमें ऑस्ट्रेलिया में मेसर्स पर्ल्स ऑस्ट्रेलेशिया प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स ऑस्ट्रेलेशिया मिराज आई-प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं, ने विदेशों में 657.18 करोड़ रुपये के अवैध हस्तांतरण और धन की पार्किंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन पीओसी का इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया में अचल संपत्तियां खरीदने के लिए किया गया। इन कुर्क संपत्तियों का ब्योरा सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति को संपत्ति के निपटान और प्रभावित निवेशकों को प्रतिपूर्ति के लिए सौंप दिया गया है। इसके अलावा, ईडी ने पहले ही मेसर्स पीएसीएल, एनएस भंगू और अन्य के खिलाफ मामले में दो अभियोजन शिकायतें दर्ज की हैं।


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