
इनमें से 16 को रेस्क्यू कर लिया गया है, जबकि 57 मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं, जिन्हे निकालने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि मजदूरों को निकालने के लिए सभी एजेन्सियों की मदद से बचाव अभियान चलाया जा रहा है।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
श्री धामी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा किजनपद चमोली में माणा गांव के निकट बीआरओ द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन (Glacier Burst uttrakhand) की वजह से कई मजदूरों के दबने का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। आईटीबीपी, बीआरओ और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है। भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं। स बीच जिलाधिकारी डॉक्टर संदीप तिवारी ने यूनीवार्ता को बताया कि ग्लेशियर टूटने का समाचार मिलते ही भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, सीमा सडक़ संगठन और प्रशासन की टीम घटनास्थल की ओर भेजी गयी हैं। अभी तक किसी जनहानि की जानकारी नहीं है। भारी बारिश और हिमपात के कारण घटनास्थल से संचार संपर्क नहीं हो पा रहा है। मजदूर सीमा चौकियों तक रसद ले जाने के कार्यों में लगे थे। इनमें से कई श्रमिकों के फंसने की सूचना है। इस घटना में किसी जनहानि की अभी कोई सूचना नहीं मिल पा रही है।
