शनिवार को उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि फीस कमेटी के प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। इसके बाद सभी कॉलेजों में फीस समान हो जाएगी।
200 रुपये तक आएगा अंतर
वर्तमान में हर विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने अपने स्तर पर कुछ पहलुओं को जोड़कर छात्रों से फीस लेता है। वर्तमान में यह औसतन 1650 रुपये के करीब है। हालांकि कुछ कालेज अपने स्तर पर दो हजार रुपये तक फीस ले रहे हैं। फीस कमेटी ने इसे वर्तमान परिप्रेक्ष्य के आधार पर मामूली बढ़ोतरी करते हुए 1850 रुपये से ऊपर रखा है।
हालांकि कुछ कालेज पहले से ही दो हजार रुपये तक भी शुल्क ले रहे हैं। रोवर-रेंजर शुल्क वहीं लिया जाएगा जहां ये संचालित हैं। विश्वविद्यालय परीक्षा का शुल्क विश्वविद्यालय के स्तर तक किया जाएगा। जेनरेटर न होने पर जेनरेटर शुल्क नहीं लिया जाएगा।
वर्तमान में डिग्री कॉलेज और विश्व विद्यालय स्तर पर परंपरागत विषयों की फीस में कुछ अंतर है। हालांकि यह अंतर ज्यादा नहीं है, लेकिन सरकार चाहती है कि फीस ढांचे में कोई अंतर नहीं होना चाहिए।
शैलेश बगोली, सचिव शिक्षा