पिछले तीन माह में गुलदार क्षेत्र में दो बच्चों की जान ले चुका है।
जबकि, जिले में इस वर्ष गुलदार के हमले की 11 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें तीन लोगों की जान गई। इससे ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति आक्रोश है। घटना पुर्वाल गांव की है। यहां रहने वाले अमरू लाल की बेटी मंजू का विवाह पास के ही बण गांव में हुआ है।
हिंएलएलदुस्तान Global Times/print plmedia,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर
कुछ दिन पहले मंजू तीन वर्षीय बेटे राज के साथ मायके आई थी। यहां रविवार शाम लगभग छह बजे राज आंगन में अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था, तभी गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। बच्चों के शोर बचाने पर घर के सदस्य बाहर आए, लेकिन तब तक गुलदार बच्चे को ले जा चुका था। ग्रामीणों ने गुलदार की खोजबीन शुरू की तो घर से कुछ दूरी पर बच्चे का अधखाया शव मिल गया।
इसी वर्ष 22 जुलाई को पुर्वाल से कुछ दूर स्थित भौड़ गांव में भी गुलदार ने नौ साल की बच्ची को निवाला बना लिया था। इसके बाद वन विभाग ने गांव में शिकारी दल तैनात किया, मगर वो गुलदार को नहीं मार पाया। इसके बाद वन विभाग बेफिक्र हो गया।
अब क्षेत्र में गुलदार के फिर सक्रिय होने से ग्रामीण डरे हुए हैं। ग्रामीण विक्रम घणाता, प्रेम अंथवाल और महावीर भट्ट ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नरभक्षी गुलदार को विभाग मार देता तो यह घटना नहीं होती। रेंज अधिकारी आशीष नौटियाल ने बताया कि गांव के आसपास कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। शिकारी दल दोबारा से तैनात किया जा रहा है।