दीपम सेठ को उत्तराखंड का नया डीजीपी बनाए जाने के बाद शाहजहांपुर में उनके रिश्तेदारों में भी खुशी का माहौल है। दीपम का परिवार चौक के कूंचालाला मोहल्ले में रहता था।

Spread the love

लगभग 22 वर्ष पहले पिता राधारमण सेठ भी यहां से मकान व अन्य संपत्ति बेचकर परिवार के साथ बरेली में जाकर रहने लगे। राधारमण के चचेरे भाई व्यापार मंडल के जिला महामंत्री सुरेंद्र सेठ ने बताया कि दीपम के छोटे भाई अनुपम सेठ व उनकी पत्नी बरेली के केशलता अस्पताल में चिकित्सक हैं

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

उन्होंने बताया कि दीपम के इस मुकाम तक पहुंचने में भाभी पुष्पा का अहम योगदान रहा। सिविल सर्विस की तैयारी के लिए वह उन्हें प्रेरित करती रहीं। हालांकि सात वर्ष पूर्व उनका निधन हो गया था। सुरेंद्र सेठ ने बताया कि भतीजे से पिछले काफी समय से भेंट तो नहीं हो सकी, लेकिन इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलने की जानकारी मिली तो फोन करके बधाई दी है।

1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं दीपम सेठ

बता दें कि 1995 के आईपीएस अधिकारी दीपम सेठ ने 25 नवंबर को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय पहुंचकर डीजीपी का पदभार संभाल लिया है। इस मौके पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। एडीजी स्तर के कई अधिकारियों ने उनका स्वागत किया और उनको बधाई दी।

इस मौके पर उन्होंने अपनी प्राथमिकता भी गिनाई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा। साथ ही उत्तराखंड में आमजन की समस्याओं के निस्तारण के पर सबसे ज्यादा फोकस होगा। इसी तरह से यातायात व्यवस्था को लेकर भी बेहतर प्लान बनाने की बात कही।

कानून व्यवस्था बेहतर करने के लिए इनामी बदमाशों की गिरफ्तारी का अभियान

डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस सभी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सक्षम है। ऐसे में उत्तराखंड के पुलिस जवान बेहतर काम करेंगे। उनका कहना है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वर्ष 2022 में उन्होंने आईआईटी रुड़की से पीएचडी की। शेरवुड कॉलेज नैनीताल से सीनियर सेकेण्डरी और BITS पिलानी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। पुलिस सेवा में आने के बाद उन्होंने लगातार पढ़ाई जारी रखी और 1997 में ओस्मानिया विश्वविद्यालय से पुलिस प्रबंधन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की।


Spread the love