बंग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद वहां पर हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। इस बीच अगर कोई व्यक्ति भी हिंदू धर्म या इस्कॉन का अनुयायी है, उसे भी कट्टरपंथी निशाना बना रहे हैं।

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बीएसएफ ने लड़की को पकड़ा

बांग्लादेश की एक 17 वर्षीय लड़की को मंगलवार रात पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में सीमा पार करने के बाद बीएसएफ ने रोक लिया था। वह लड़की अपने परिवार को कट्टरपंथियों से धमकियां मिलने के बाद बांग्लादेश से भागी थी।

बीएसएफ ने उसे पश्चिम बंगाल पुलिस को सौंप दिया है, जो उसे किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश करेगी। पुलिस ने जलपाईगुड़ी में रहने वाले उसके रिश्तेदारों से संपर्क किया है। रिश्तेदारों ने कहा कि बांग्लादेश में लड़की का परिवार इस्कॉन का फॉलोअर है और उन्हें धमकियां मिली हैं।

कट्टरपंथियों से लड़की को मिलती थी धमकियां

लड़की के रिश्तेदार ने कहा, “उसने अपनी जान बचाने के लिए हताशा भरा कदम उठाया। वे (उनका परिवार) बांग्लादेश के पंचगढ़ जिले के निवासी हैं। यह परिवार इस्कॉन का अनुयायी है। हाल ही में परिवार को कट्टरपंथियों से धमकियां मिलीं। बदमाशों ने उसका अपहरण करने और परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी। उसके माता-पिता ने फिर उसे भारत भेजने का फैसला किया। उन्होंने मुझे फोन किया और बताया कि वह भारत आ रही है, लेकिन मुझे यह नहीं बताया कि कब और कैसे आ रही है।

इस्लामपुर पुलिस जिले के अधीक्षक जॉबी थॉमस के ने कहा, “हमें बीएसएफ से एक लड़की के बारे में शिकायत मिली, जो 17 साल की है। वह बांग्लादेश से सीमा के माध्यम से अवैध रूप से भारत में प्रवेश की है। हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। किस कारण से उसने यह कदम उठाया और भारत में प्रवेश किया, इसका विवरण जांच के दौरान सामने आएगा।”


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