राजस्व क्षेत्र में सिविल पुलिस की तैनाती के बाद इन्हें और सुदृढ़ करने की जरूरत महसूस की जा रही है। इन थाने व चौकियों के अभी तक के कार्य को देखते हुए यह बात सामने आई है कि इनके विस्तृत कार्यक्षेत्र के कारण इनमें कार्मिकों की संख्या बढ़ानी होगी।

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उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्णय के क्रम में प्रदेश के सभी राजस्व क्षेत्रों को सिविल पुलिस के दायरे में लिया जाना है। प्रदेश सरकार चरणबद्ध तरीके से राजस्व क्षेत्रों को सिविल पुलिस में शामिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। पहले चरण में प्रदेश सरकार ने फरवरी 2023 में राजस्व क्षेत्रों के लगभग 1200 गांव में पुलिस व्यवस्था लागू करने के लिए छह थानों व 21 चौकियों का गठन किया।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

शुरुआती दौर में आसपास के थाने व चौकियों से यहां कार्मिकों की तैनात की गई। बाद में शासन ने इनके लिए पृथक से पदों का सृजन भी किया। अब इन क्षेत्रों में सिविल पुलिस को कार्य करते हुए डेढ़ वर्ष का समय हो गया है। शासन ने जब इस अवधि में पुलिस के कार्यों का अध्ययन किया तो यहां और अधिक कार्मिक तैनात करने के साथ ही इनके सुदृढ़ीकरण की जरूरत भी महसूस की गई। इस पर गृह विभाग ने वित्त विभाग को इसके लिए प्रस्ताव भेजा।

वित्त विभाग ने पहले चली आ रही व्यवस्था के तहत मानकों के संबंध में जानकारी ली। बताया गया कि चली आ रही व्यवस्था के अनुसार चौकी में 11 व थाने के लिए 16 कार्मिक स्वीकृत हैं। यद्यपि यह संख्या अब लगातार बढ़ रही जनसंख्या के दृष्टिगत कम है। इस पर शासन ने पुलिस मुख्यालय से एक प्रस्ताव मंगाया। मुख्यालय ने थानों में 32 और चौकियों में 16 कार्मिकों की तैनाती का प्रस्ताव भेजा। अब इस प्रस्ताव पर गृह विभाग व वित्त विभाग की बैठक प्रस्तावित है। बैठक में वित्त विभाग नए मानकों पर अपना मंतव्य देगा।

सचिव गृह शैलेश बगौली का कहना है कि जल्द ही इस संबंध में वित्त विभाग के साथ बैठक की जाएगी। अभी विभाग का मुख्य फोकस नए बनाए गए थाने व चौकियों का सुदृढ़ीकरण करना है।


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