यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद मंदिर से लेकर 2 किमी तक पैदल मार्ग में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ से भारी जाम लग गया है. चारों तरफ श्रद्धालु हैं और किसी को आगे बढ़ने का रास्‍ता नहीं मिल रहा है.

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घंटों से एक ही जगह पर खड़े श्रद्धालुओं ने व्‍यवस्‍थाओं पर जमकर नाराजगी जाहिर की है. पुलिस और प्रशासन भले ही मौके पर मौजूद हों, लेकिन हालात बेकाबू रहे और भारी परेशानी हुई. चार घंटों तक की गई मशक्‍कत के बाद हालात कुछ सुधरे, लेकिन भीड़ पर नियंत्रण नहीं हो सका.

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /प्रिंट मीडिया: शैल ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट, अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद

यात्रा व्यवस्था का जिम्मा देख रही पुलिस, होमगार्ड या पीआरडी के जवान पहले दिन यमुनोत्री धाम नहीं पहुंच पाए. ये सभी दूसरे दिन यात्रा पर रवाना हुए जबकि अन्‍य राज्‍यों से आए श्रद्धालुओं ने यहां की व्‍यवस्‍था पर नाराजगी जताई है. यहां आए श्रद्धालुओं ने कहा कि पूरी यात्रा भगवान भरोसे हो रही है. न तो पुलिस है और न ही प्रशासन; यहां आने वाले लोगों को भी यात्रा की समझ नहीं है. आने और जाने वाले श्रद्धालु अपनी लेन तोड़ कर आगे बढ़ना चाहते हैं जिससे दिक्‍कत बढ़ जाती है.

चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं का हो रहा हेल्‍थ चेकअप
स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड डा विजय गौड़ ने बताया कि पहाड़ों पर बदलते मौसम को देखते हुए श्रद्धालुओं के स्‍वास्‍थ्‍य की जांच की जा रही है. यहां लोगों के ब्‍लड शुगर, बीपी, खून, यूरिक एसिड सहित अन्‍य जांच की जाती हैं और फिर उसके हिसाब से उन्‍हें यात्रा करने या नहीं करने की सलाह दी जाती है. चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में दूसरे राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच के बाद यात्रा पर जाने की सलाह दी जा रही है. यात्रियों की स्वास्थ्य स्क्रीनिग के बाद स्वास्थ्य विभाग यात्रियों को एडवाइस कर रहा है कि यात्रा में क्या क्या सावधानियां बरतें.

आदि कैलाश, ओम पर्वत की यात्रा का क्रेज
चारधाम यात्रा के बीच अब कुमाऊं में आदि कैलाश ओम पर्वत की यात्रा शुरु होने जा रही है. इसका पहला जत्था 13 मई को आदि कैलाश की यात्रा पर निकलेगा तो कुमाऊँ मण्डल विकास निगम भी यात्रा के लिये तैयार है. यात्रा रुट पर सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया है. दिल्ली काठगोदाम और धारचूला से होने वाली इस धार्मिक यात्रा में इस बार 500 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अपना रजिस्ट्रेशन किया है. हालांकि पहली बार ऐसा होगा कि लोहाघाट से 50 यात्रियों का दल जाएगा जो कुमाऊं के सभी मन्दिरों के दर्शन कर वापस लौटेगा.


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