यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर इसमें रणनीति बनाई जाएगी। बैठक के दौरान योगी मंत्रियों से तैयारियों का फीडबैक लेंगे। इसी बीच डिप्टी सीएम मौर्य ने बैठक से पहले ट्वीट कर डिलीट कर दिया है।
कार्यकर्ता ही गौरव
केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर लिखा कि संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है संगठन से बड़ा कोई नहीं, कार्यकर्ता ही गौरव है। हालांकि बाद में यह पोस्ट डिलीट कर दिया गया है। बता दें कि मंगलवार रात उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी बीजेपी हेडक्वार्टर पहुंचे। दोनों नेताओं ने करीब एक घंटे तक बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
ख़राब प्रदर्शन का ठीकरा योगी पर
मालूम हो कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन को लेकर योगी घेरे में हैं। 2019 चुनाव में जहां भाजपा ने 62 सीटें जीती थी तो वहीं 2024 में महज 33 सीटों पर सिमट गई। समाजवादी पार्टी ने अकेले ही 37 सीटों पर कब्ज़ा किया। नतीजों के बाद से सीएम योगी निशाने पर हैं। उत्तर प्रदेश बीजेपी का एक धड़ा उन्हें ख़राब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है।
दिल्ली से लेकर यूपी तक सियासी हलचल तेज, मौर्य-चौधरी नड्डा से क्यों मिले?
इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी आप हमला करना शुरू कर दिया है. अखिलेश यादव ने बीजेपी की अंदरूनी झगड़े को कुर्सी की लड़ाई बताते हुए कहा कि शासन और प्रशासन में जनता की सुनने वाला कोई नहीं है.
अखिलेश यादव में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, यूपी में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है. तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है. जनता के बारे में सोचनेवाला भाजपा में कोई नहीं है.”
दरअसल, पिछले दिनों प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सरकार से बड़ा संगठन वाले बयान से सियासी गलियारे में हलचल मचा दी. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि संगठन में कोई छोटा बड़ा नहीं और कार्यकर्ताओं का दर्द उनका दर्द है. उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू है कि क्या डिप्टी सीएम और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच सब कुछ ठीक है? हालांकि केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से हिदायत दी गई है कि कोई भी नेता सार्वजानिक मंच से कोई भी बयान नहीं देगा. लेकिन विपक्ष अब इस मुद्दे को तूल देने में जुटा है.
केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में जेपी नड्डा से तब मिले जब यूपी बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं माना जा रहा है. हालिया बयानों और सियासी घटनाक्रमों के आधार पर कयास लगाए गए कि टसल (झगड़ा) चल रही है. हालांकि, यह प्रत्यक्ष तौर पर नहीं नजर आई. दरअसल, हाल ही में लखनऊ में बीजेपी की अहम बैठक में केपी मौर्य ने कहा था, “संगठन सरकार से बड़ा है.”
चूंकि, यूपी में अब 10 सीटों पर विधानसभा के उप-चुनाव (अक्तूबर, 2024 के आस-पास) होने हैं. ऐसे में सियासी गलियारों में कहा गया कि केपी मौर्य की जेपी नड्डा से इसी मुद्दे पर बात हुई होगी. हालांकि, जानकारों के एक धड़े का यह भी कहना है कि चर्चा सिर्फ उप-चुनाव तक नहीं रही होगी. दोनों के बीच और भी बातें हुई होंगी.
सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ‘आईएएनएस’ ने बताया कि केपी मौर्य और जेपी नड्डा के बीच यूपी के राजनीतिक हालात, राज्य में आए लोकसभा चुनाव के नतीजे, प्रदेश सरकार के कामकाज, प्रदेश में संगठन और सरकार के बीच तालमेल और समन्वय सहित कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई.
ताजा घटनाक्रम के बाद कुछ लोगों का मानना है कि बीजेपी बदलाव की दिशा में बढ़ रही है. अंदरखाने यह भी कहा जाता है कि केपी मौर्य का अपना धड़ा है. बैठकों के दौर के बीच दूसरी ओर यह भी सवाल उठाए गए कि आखिरकार यूपी के दूसरे डिप्टी सीएम जेपी नड्डा से मिलने क्यों नहीं आए या सीएम दिल्ली क्यों नहीं पहुंचे?
रोचक बात है कि केपी मौर्य के बाद रात 10 बजे के आस-पास यूपी बीजेपी चीफ भूपेंद्र चौधरी भी जेपी नड्डा से मिलने पहुंचे. दोनों के बीच क्या कुछ बात हुई? यह तो फिलहाल साफ नहीं हो पाया मगर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक के सियासी गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म हो गया कि क्या यूपी में यह बड़े बदलाव की तैयारी है?
कांग्रेस के सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने केपी मौर्य का वीडियो शेयर करते हुए एक्स पर कहा, “केपी मौर्य लगातार दिल्ली में जेपी नड्डा से मिल रहे हैं. राज्य में योगी के खिलाफ बगावत का मोर्चा इन्होंने ही संभाला है. किसके इशारे पर यह कर रहे हैं, इतना तो आप सब जानते ही हैं. जानकारी के लिए बता दूं कि यह साहेब विधानसभा चुनाव हारे थे.”
लोकसभा नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश बीजेपी में सियासी घमासान जारी है। राजनीतिक गलियारों में हर दिन नई ख़बरें सामने आ रही है। इसी बीच बताया जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ आज शाम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मिलने जायेंगे।
उन्होंने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। राजनीतिक चर्चाओं के बीच योगी आदित्यनाथ आज शाम 6 बजे राज्यपाल से मिलने राजभवन जायेंगे। इसके बाद से इस बात की चर्चा और तेज हो गई है कि वो इस्तीफा देने जा रहे हैं।
मंत्रियों संग योगी की बैठक जारी
बता दें कि सीएम योगी ने आज मंत्रियों की बैठक बुलाई है। यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर इसमें रणनीति बनाई जाएगी। बैठक के दौरान योगी मंत्रियों से तैयारियों का फीडबैक लेंगे। इन सबके बीच डिप्टी सीएम मौर्य ने बैठक से पहले ट्वीट किया है। केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर लिखा कि संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है संगठन से बड़ा कोई नहीं, कार्यकर्ता ही गौरव है।
ख़राब प्रदर्शन का ठीकरा योगी पर
मालूम हो कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के ख़राब प्रदर्शन को लेकर योगी घेरे में हैं। 2019 चुनाव में जहां भाजपा ने 62 सीटें जीती थी तो वहीं 2024 में महज 33 सीटों पर सिमट गई। समाजवादी पार्टी ने अकेले ही 37 सीटों पर कब्ज़ा किया। नतीजों के बाद से सीएम योगी निशाने पर हैं। उत्तर प्रदेश बीजेपी का एक धड़ा उन्हें ख़राब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है।
दिल्ली से लेकर यूपी तक सियासी हलचल तेज, मौर्य-चौधरी नड्डा से क्यों मिले?