


संगठन के राज्य सचिव हिमांशु चौहान ने कहा, पूरे देश में एनटीए के परीक्षा संचालन की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में यह साबित हो गया है कि एक केंद्रीकृत संस्था एनटीए नीट जैसी प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाने में अक्षम और अयोग्य है। हिमांशु चौहान ने कहा, ऐसी शिकायतें भी मिली हैं कि एक ही केंद्र से एक ही क्रम में लगातार रोल नंबर वाले छात्रों को समान अंक मिले हैं।


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रैंक में इस बढ़ोत्तरी के कारण उम्मीदवारों को अब निजी कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जो सीधे तौर पर एनटीए की नीतियां जैसे कि पाठ्यक्रम में उल्लेखनीय कमी के कारण है। पूर्व डीएवी छात्रसंघ उपाध्यक्ष सोनाली नेगी ने कहा, एसएफआई पेपरों में हुई धांधली का विरोध करता है। प्रदर्शन करने वालों में शालिनी परमार, अंजली, पीयूष मुनियाल, प्राची कोठारी, कनिका, आयुष ध्यानी, प्रदीप, मुकुल मौजूद रहे।
