कथित तौर पर उत्तराखंड के इन अपहृत पुरुषों को चीनी संचालकों द्वारा म्यांमार में “स्कैम कॉल सेंटर” में काम करने के लिए मजबूर किया गया था।
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कॉल सेंटर में नौकरी पर रखे गए पुरुषों के परिवारों से विशेष रूप से पता चला है कि उन्हें लुभावनी नौकरियों का झांसा देकर थाईलैंड ले जाया गया था।
थाईलैंड से महिलाओं को अगवा कर उन्हें जबरन साइबर क्राइम सेंटर में काम करने के लिए म्यांमार के म्यावड्डी ले जाया गया था। यह घटनाक्रम म्यांमार में भारतीय दूतावास द्वारा 19 जुलाई को उस देश के एक ऐसे सेंटर से 11 भारतीयों की रिहाई के बारे में एक्स पर पोस्ट किए जाने के कुछ दिनों बाद सामने आया है।
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर ,उत्तराखंड
उत्तराखंड के गृह सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि राज्य सरकार विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के संपर्क में है। उन्होंने कहा, “हमने म्यांमार में बंधक बनाए गए उत्तराखंड के युवाओं के बारे में विदेश मंत्रालय को अवगत करा दिया है। जहां तक नौ महिलाओं का सवाल है, विभाग उनके बारे में जानकारी जुटा रहा है। हम उन्हें जल्द से जल्द छुड़ाने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं।
“पड़ोसी देश में बंधक बनाए गए उत्तराखंड के एक युवक के परिवार के सदस्य ने कहा, “अपहरणकर्ताओं द्वारा महिलाओं को अन्य अपहृत लोगों के सामने निर्वस्त्र कर पीटने सहित कई प्रकार की क्रूर यातनाएं दी जा रही हैं। वहां मौजूद हमारे बच्चों ने भी इसे देखा और कहा कि यातना के दौरान उनकी चीखें सुनकर उनकी शरीर में सिहरन पैदा हो जाती है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को हमेशा यौन उत्पीड़न का खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा, “हमारे बेटे ने हमें इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लीकेशन पर बात करते हुए बताया कि अपहरणकर्ता लगातार धमकी दे रहे थे कि महिलाओं को देह व्यापार में धकेल दिया जाएगा। सरकार को म्यांमार और लाओस और कंबोडिया जैसे अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में ऐसे सेंटरों में बंद सभी भारतीयों की रिहाई के लिए अपने प्रयासों को तेज करना चाहिए, क्योंकि अपहरणकर्ताओं ने कुछ दिनों पहले एक बांग्लादेशी नागरिक सहित कुछ अपहृत लोगों की हत्या कर दी थी।”
उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के कम से कम 20 लोगों के बारे में बताया गया है कि उन्हें मई में थाईलैंड में अगवा कर लिया गया और फिर उन्हें स्कैम कॉल सेंटर में काम करने के लिए बंदूक की नोक पर म्यांमार ले जाया गया। उन सभी को आईटी और रेस्तरां क्षेत्रों में नौकरी का झांसा देकर थाईलैंड ले जाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें बताया गया कि वे दुनिया भर के बेखबर लोगों को ठगें, जिनमें से कई रिटायर्ड हैं और पेंशनभोगी हैं।