
ओमैक्स कॉलोनी: संपत्ति विवाद के बीच अकाउंट कर्मचारी को धमकी, गाली-गलौच और दबाव का शिकार बनना पड़ा


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
रुद्रपुर 31 मार्च 2025: संपत्ति से जुड़े विवादों में प्रायः देखा जाता है कि दबंगों और प्रॉपर्टी डीलरों का वर्चस्व बना रहता है, लेकिन जब यही दबाव एक अकाउंट ऑफिसर पर बनाया जाए तो यह न केवल गंभीर मुद्दा बन जाता है, बल्कि सोसाइटी के माहौल को भी प्रदूषित कर देता है। ऐसा ही मामला हाल ही में ओमैक्स कॉलोनी में सामने आया, जहाँ एक अकाउंट ऑफिसर को जबरन एक अवैध ट्रांसफर के लिए धमकाया गया।
पूरन लाल की शिकायत: ईमानदारी की कीमत गालियों और धमकियों से चुकानी पड़ी
पूरन लाल, जो ओमैक्स सोसाइटी में अकाउंट ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं, ने अपनी शिकायत में विस्तार से बताया कि कैसे प्रॉपर्टी डीलिंग में सक्रिय श्री योगेश वर्मा ने उन्हें दबाव में लेकर एक अवैध ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया। मामला तब शुरू हुआ जब दिनांक 24 मार्च 2025 को श्री भुवन पांडेय ने बीटा 002 यूनिट की ओनरशिप ट्रांसफर के लिए दस्तावेज़ भेजे, लेकिन उनमें आवश्यक कानूनी कागजात शामिल नहीं थे।
पूरन लाल ने नियमानुसार दस्तावेजों की कमी के आधार पर ट्रांसफर अस्वीकार कर दिया। जब इस बात की जानकारी श्री योगेश वर्मा को मिली, तो वे 26 मार्च को कार्यालय पहुंचे और ट्रांसफर के बारे में पूछताछ की। जब उन्हें बताया गया कि दस्तावेज़ अधूरे हैं और ट्रांसफर संभव नहीं है, तो उन्होंने पहले संयम दिखाया, लेकिन जल्द ही उनका आक्रोश सामने आ गया।
27 मार्च: धमकियों और गालियों की हदें पार
27 मार्च को जब पूरन लाल बैंक के कार्य से बाहर थे, तब श्री योगेश वर्मा ने उन्हें फोन कर दबाव बनाया कि ट्रांसफर कर दिया जाए और दस्तावेज़ बाद में दे दिए जाएंगे। जब उन्होंने इस बात पर सहमति नहीं दी और सोसाइटी ग्रुप में चर्चा के लिए मामला उठाया, तो सोसाइटी अध्यक्ष श्री आनंद सिंह नेगी ने स्पष्ट किया कि बिना वैध दस्तावेज़ों के ट्रांसफर नहीं हो सकता।
लेकिन, दबाव का सिलसिला यहीं नहीं थमा। कुछ ही देर बाद, योगेश वर्मा ने दोबारा फोन कर न केवल पूरन लाल बल्कि उनके माता-पिता और सोसाइटी अध्यक्ष को भी गंदी-गंदी गालियाँ दीं और जान से मारने की धमकी दी। यह घटना सोसाइटी में बढ़ते दबंगई रवैये की पोल खोलती है।
ओमैक्स कॉलोनी में गुटबाजी: एक सोसाइटी, अनेक धड़े
ओमैक्स कॉलोनी में संपत्ति डीलिंग के मामलों में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है। वर्षों से यह सोसाइटी दो बड़े धड़ों में बंटी हुई है—एक धड़ा जो नियमों और ईमानदारी के पक्ष में खड़ा रहता है, और दूसरा धड़ा जो दबंगई, धांधली और गलत तरीकों से अपने स्वार्थ सिद्ध करने की कोशिश करता है।
पूरन लाल के मामले में भी साफ झलकता है कि कैसे कुछ लोग नियमों को ताक पर रखकर अपने मनमाने तरीकों से काम करवाने की फिराक में रहते हैं।
यह घटना सोसाइटी के प्रशासनिक ढांचे पर भी सवाल खड़े करती है। जब एक अकाउंट ऑफिसर को खुलेआम धमकियां दी जा सकती हैं, तो आम निवासियों की सुरक्षा और अधिकारों का क्या होगा? क्या ओमैक्स कॉलोनी सिर्फ प्रॉपर्टी डीलरों का अड्डा बनकर रह गई है, जहाँ नियम-कायदे बस कागज़ों तक सीमित हैं? अभी यह जांच का विषय है₹10000 अकाउंट ऑफिसर के द्वारा रिश्वत के रूप में मागे गए थे उसका खुलासा होना अभी बाकी है।
समाज और प्रशासन को जगाने की जरूरत
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या सोसाइटी में रहने वाले लोग ऐसे मामलों के खिलाफ आवाज़ उठाने को तैयार हैं, या फिर वे भी इस गुटबाजी और दबंगई के डर से चुप रहेंगे? प्रशासन को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े।
पूरन लाल ने अपनी शिकायत प्रशासन तक पहुँचा दी है, अब देखना यह है कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है। क्या यह मामला सिर्फ एक और फाइल बनकर रह जाएगा, या फिर ओमैक्स कॉलोनी में न्याय की एक नई मिसाल कायम होगी?
ओमैक्स कॉलोनी में गुटबाजी और प्रशासनिक विफलताओं पर ध्यान आकर्षित
पूरन लाल ओमेक्स ऑफिस में अकाउंटेंट के बयान के अनुसार खबर प्रसारित की गई है।प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, उपरोक्त घटनाक्रम की पुष्टि नहीं करता है। (उत्तराखंड)
