नए राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष की खोज के बीच भाजपा ने अगले एक साल में होने जा रहे चुनावों के लिए कमर कस ली है. इस दौरान बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में चुनाव होने हैं.

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पिछले एक दशक से बीजेपी की चुनावी रणनीति के केंद्र में रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसके लिए कमान संभाल ली है. बीजेपी का फोकस इन चुनावी राज्‍यों में से बिहार, बंगाल और तमिलनाडु पर है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनावी रणनीति के तहत इन फोकस वाले राज्‍यों में हर महीने कम से कम दो दिन का दौरा करेंगे. अप्रैल में वो बिहार, बंगाल और तमिलनाडु के दौरे पर जा रहे हैं. इनमें से 14-15 अप्रैल को तमिलनाडु में और 30 अप्रैल को बिहार के दौरे पर रहेंगे. चुनावी दौरों के साथ उन्‍होंने इन राज्‍यों में संभावित गठबंधन सहयोगियों से भी संपर्क शुरू कर दिया है.

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

तमिलनाडु का तिलिस्‍म
तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों में बीजेपी इस बार अपना दमदार प्रदर्शन करना चाहती है. इस सिलसिले में पिछले दिनों तमिलनाडु में अन्‍नाडीएमके के जनरल सेक्रेटरी पलानीस्‍वामी के साथ शाह की मुलाकात हुई थी. तमिलनाडु को लेकर बीजेपी बेहद तेजी से अपनी रणनीति को स्‍थानीय जरूरतों के हिसाब से बदल रही है. कहा जा रहा है कि चुनाव में जातीय समीकरण साधने और अन्‍नाडीएमके के साथ एक बार फिर गठबंधन करने के लिए बीजेपी के स्‍थानीय इकाई के अध्‍यक्ष अन्‍नामलाई अपना पद छोड़ सकते हैं. उनकी जगह थेवर जाति के बीजेपी विधायक नागेंद्रन को तमिलनाडु का बीजेपी अध्‍यक्ष बनाया जा सकता है.

अन्‍नाडीएमके की लीडरशिप गाउंडर समुदाय से ताल्‍लुक रखती है. अन्‍नामलाई भी इसी समुदाय से आते हैं. लिहाजा उनकी जगह थेवर जाति के नेता को पार्टी की कमान सौंपने से बीजेपी पूरे तमिलनाडु के जातिगत समीकरण को सही ढंग से साधने की स्थिति में होगी. अन्‍नामलाई का अन्‍नाडीएमके लीडरशिप के साथ छत्‍तीस का आंकड़ा भी रहा है. लिहाजा बीजेपी ऐसी रणनीति पर वर्किंग कर रही है जिसमें अन्‍नाडीएमके भी अपने पाले में आए और जातिगत समीकरण को फिट करने के साथ अन्‍नामलाई का सम्‍मान भी बना रहे. पुडुचेरी की राजनीति काफी हद तक पड़ोसी तमिलनाडु की सियासत के हिसाब से चलती है.

असम की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए बीजेपी की सोच ये है कि वहां तीसरी बार भी कमल खिलेगा. केरल में विचारधारा की लड़ाई है. इसलिए लेफ्ट सरकार के खिलाफ बीजेपी वहां भी अपना विस्‍तार चाहती है.

कुल मिलाकर छह राज्‍यों में होने जा रहे चुनावों में बीजेपी का बिहार के बाद सबसे ज्‍यादा फोकस बंगाल और तमिलनाडु पर ही है. बंगाल में बीजेपी 77 सीटों के साथ वैसे ही मुख्‍य विपक्षी दल की भूमिका में आ चुकी है और 2026 के चुनावों में वह राज्‍य की नंबर वन पार्टी बनकर सत्‍ता हासिल करना चाहती है. कुछ समय पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बंगाल का एक हफ्ते का दौरा किया था. उसके बाद से बीजेपी वहां अपनी रणनीति तैयार कर रही है और ममता बनर्जी को चुनौती देने की तैयारी में है.


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