



जल निगम जल संस्थान, सयुक्त मोर्चे की एक अहम बैठक डिप्लोमा इंजीनीयर्स संघ के संगठन भवन जोगीवाला में आहूत की गयी। बैठक की अध्यक्षता इ० जितेन्द्र देव, अध्यक्ष अधि० कर्म० स० स० स० तथा संचालन विजय खाली संयोजक द्वारा किया गया।



शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित पेयजल एवं सीवरेज कार्यों का निर्माण कार्य उत्तराखण्ड पेजल निगम से न कराकर UUSDA द्वारा कराया जा रहा है और उसका संचालन कार्य भविष्य में उत्तराखण्ड जल संस्थान द्वारा ना कराकर UUSDA द्वारा स्वंय अपने हाथो में लिया जा रहा है उक्त कार्यवाही उत्तरप्रदेश जलापूर्ति एवं सम्भरण अधिनियम 1975 का स्पष्ट उल्लघन है। शहरी विकास विभाग द्वारा निर्माण / संचालन विशेषज्ञ विभाग उत्तराखण्ड पेयजल निगम व उत्तराखण्ड जलसंस्थान को खत्म करने की साजिस लगातार की जा रही है। जिसके विरोध में दिनांक 05.01.2024 एवं 11.01.2024 को धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम किया गया।
आज की बैठक में वक्ताओं ने एकमत से कहा कि एक ओर एकीकरण/राजकीयकरण शासन स्तर से बिलम्ब होने से उत्तराखण्ड पेयजल निगम सभी कार्मिक निराश है वही शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित संस्था UUSDA के द्वारा मूल अभियांत्रिकी विभागों के कार्यक्षेत्र में अतिक्रमण किये जाने से सभी कार्मिक अत्यधिक आक्रोश में है समवन्य समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र देव एवं सयोजक रमेश बिन्ज़ोला ने अवगत कराया की शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित UUSDA में कराये जा रहे कार्यों के निरीक्षण/पर्यवेक्षण हेतु सक्षम व आवश्य तकनिकी अनुभवयुक्त अभियन्ता तैनात नही है, आपितु अन्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर लाये गये अभियन्ता उक्त संस्था में कार्य कर रहे है उक्त संस्था के अन्तर्गत कार्यरत अधिकांश अभियन्ता उनके द्वारा धारित पद के अनुरूप आवश्यक न्यूनतम तकनीकी अर्हता एवं सीवरेज / पेयजल का अनुभव नही रखते है परिणामतः उक्त संस्था द्वारा कराये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता स्तरीय नही पायी गयी, जिस काराण निर्माण कार्यों में लाप्रवाही व तकनीकी अज्ञानता के कारण जहाँ शासकीय धन की बर्बादी हो रही है वही अनियोजित एवं त्रुटिपूर्ण हानि निर्माण कार्यों के कारण आम जनता को हो रही असुविधा के कारण सरकार की छवि भी धुमिल हो रही है।
आज पर्यन्तक भी शासन द्वारा मोर्चे की मोंगों का समाधान नहीं किया गया है अतः विवश होकर मोर्चा द्वारा एकमत से निम्न कार्यक्रम का निर्णय लिया गया-
1 दिनांक 20.01.2024 को पूरे उत्तराखण्ड स्थित सभी जल निगम एवं जल संस्थान के कार्मिको / पेन्शनरों द्वारा नगरों / जनपदों में प्रातः 10:00 से 12:00 बजे तक सांकेतिक धरना दिया जायेगा। धरने की प्रतिपूर्ति हेतु सभी कार्मिकों के द्वारा सायः 5:00 से 7:00 बजे तक कार्यलयों में अतिरिक्त कार्य कर की जाएगी।
2 दिनांक 21.01.2024 एवं 22.01.2024 को सभी जनपदो / नगरो मे जनप्रतिनिधियों के माध्यम से शासन / सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा। 3 दिनांक 23.01.2024 एवं 24.01.2024 को पूरे उत्तराखण्ड स्थित सभी जल निगम एवं जल संस्थान के कार्मिको / पेन्शनरों द्वारा
नगरों/जनपदों में प्रातः 10:00 से 12:00 बजे तक धरना दिया जायेगा तथा ज्ञापन जिलाधिकारी / उपजिलाधिकारी / तहसीलदार के माध्यम से प्रेषित किया जायेगा। और धरने की प्रतिपूर्ति हेतु सभी कार्मिकों के द्वारा सायः 5:00 से 7:00 बजे तक कार्यलयों मे अतिरिक्त कार्य कर की जाएगी।
4 दिनांक 25.01.2024 को सभी जनपदो /नगरो में कार्मिको / पेन्शनरों द्वारा रेली का आयोजन किया जायेगा।
5 दिनांक 27.01.2024 तक मांगो का समाधान न होने पर सभी नगरो / जनपदो मे पूर्णकालीन धरना दिया जायेगा और निर्माण कार्यों का पूर्ण बहिष्कार किया जायेगा। पेयजल व्यवस्था बाधित न हो तथा आम जनता को असुविधा न हो इसके दृष्टिगत संचालन कार्या को प्रभावित नही किया जायेगा।
8 यदि दिनांक 31.01.2024 तक भी शासन / सरकार द्वारा मांगो का समाधान नहीं किया जाता है, तो इन परिस्थितियों में दिनांक 01.02.2024 को मोर्चे की बैठक की जायेगी जिसमे पूर्ण कार्यबहिष्कार किये जाने का निर्णय लिया जा सकता है। बैठक में जलनिगम, जलसंस्थान मोर्चे के निम्न पदाधिकारियों ने भाग लिया।
जीतेन्द्र देव, रमेश बिन्जोला, विजय खाली, अजय बेलवाल, सुभाष सलगोगा, धन सिंह रावत, वीरेन्द्र पाल, मनोज कुमार शर्मा, शिशुपाल सिंह रावत, रामचन्द्र सेमवाल, घूम सिंह सोलंकी, दलाराम मुसल, आशीष तिवारी, संदीप मलोत्रा, एस0एन0 जोशी, जीवानन्द भट्ट, लाल सिंह रौतेला, लक्ष्मी नारायण भट्ट घन सिंह चौहान,
