
इस घटना के दौरान हाईकोर्ट के जज ने महिला वकील से नकाब हटाने को कहा, लेकिन महिला वकील ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई करने से इनकार कर दिया और रिपोर्ट तलब की कि क्या महिला वकील चेहरा ढककर केस की सुनवाई कर सकती हैं। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, यह मामला 27 नवंबर, 2024 का है, जब सैयद अनन कादरी नाम की महिला वकील घरेलू हिंसा के एक मामले में याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट आई थीं। वह वकील की ड्रेस में कोर्ट में थीं, लेकिन उनका चेहरा पूरी तरह हिजाब से ढका हुआ था।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
जस्टिस राहुल भारती ने हिजाब हटाने को कहा
जब जस्टिस राहुल भारती ने उनसे हिजाब हटाने को कहा, तो महिला वकील ने इसे अपना मौलिक अधिकार बताते हुए साफ कहा कि कोर्ट उन्हें चेहरा दिखाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। जस्टिस राहुल भारती ने महिला वकील के आचरण पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस स्थिति में यह स्पष्ट नहीं हो सकता कि महिला कौन थी और उसकी पहचान क्या थी। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई करने से इनकार कर दिया और मामले को स्थगित करते हुए रजिस्ट्रार जनरल से रिपोर्ट मांगी कि क्या बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान है जो महिला वकील को चेहरा ढककर कोर्ट में पेश होने का अधिकार देता है।
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बार काउंसिल के नियमों में क्या है प्रावधान?
इसके बाद रजिस्ट्रार जनरल ने अपनी रिपोर्ट पेश की है। जिसमें उन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि इन नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत महिला वकील को चेहरा ढककर कोर्ट में पेश होने की अनुमति दी गई हो। 13 दिसंबर को जस्टिस मोक्ष खजूरिया काजमी ने इस मामले पर आदेश जारी करते हुए कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों में सिर्फ महिलाओं के लिए यह लिखा है कि वकील की पोशाक क्या होनी चाहिए, लेकिन उनमें यह नहीं लिखा है कि महिला वकील चेहरा ढककर कोर्ट में पेश हो सकती है।
जस्टिस काजमी ने कही ये बात
जस्टिस काजमी ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के तहत कोई भी वकील निर्धारित पोशाक में ही कोर्ट में पेश हो सकता है। इसका मतलब यह है कि महिला वकील भी एक खास ड्रेस कोड का पालन करके ही कोर्ट में पेश हो सकती हैं और किसी भी हालत में उन्हें अपना चेहरा ढंककर नहीं आना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर महिला वकील का चेहरा ढका हुआ है तो इससे उनकी पहचान करने में दिक्कत होती है और ऐसी स्थिति में उनकी पहचान नहीं हो पाती।
