अपीलउत्तराखंड क्रांति दललोकसभा चुनाव 2024सम्मानित मतदाताओं,पुनः एकबार आपके सम्मुख देश की संसद में अपने क्षेत्र की समस्याओं के निदान व मूलभूत सुविधाएं सुलभ करवाने संबंधी विकास की राह सुगम बनाने के लिए अपना सांसद चुनने का अवसर है। उत्तराखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद पिछले 23 वर्षों में चार बार चुने गये सांसदों ने उत्तराखंड राज्य की मूल अवधारणा के उलट उत्तराखंड को दिल्ली व लखनऊ का उपनिवेश बना कर रख दिया। जिसके दुष्परिणाम के रूप में हमारे मूलभूत अधिकार भी हमसे छीन लिए गये, कभी तो ऐसा लगता है केंद्र सरकार हमसे अलग राज्य मांगने का बदला ले रही है और केंद्र सरकार के छिपे ऐजेण्डे में है कि उत्तराखंडवासियों को इस कदर संसाधन विहीन कर दो ताकि वे यहां से पलायन को विवश हो जायं, विशेष कर पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को। शायद इसीलिए यहां के लोगों का पहले मूलनिवास छीना गया, फिर भू-कानून पूरी तरह समाप्त किया गया,फिर यहां से निकलने वाली नदियों का नैसर्गिक अधिकार छीन कर गंगा-यमुना बोर्ड बना कर हमसे पानी का अधिकार छीना गया,फिर राज्यस्तरीय सेवाओं के लिए राज्य सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त की गई यहां तक कि तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भी देश-भर से आवेदन अनुमन्य कर दिये गये।हमारा राज्य देश का एकमात्र राज्य है जिसकी 24 वर्षों बाद भी स्थायी राजधानी तय नहीं है, हमारी परिसंपत्तियां अभी तक भी उत्तरप्रदेश कि क़ब्ज़े में हैं, वन अधिनियम व वन्यजीव संरक्षण अधिनियम इतने जटिल कर दिये गये हैं कि हमारे किसानों को अपने खेतों में कृषि कार्य करना तो दूर अपने गांव तक आने जाने से भी रोका जा रहा हैं,(कार्बेट नेशनल पार्क की सीमा से लगे गांव में इसका उदाहरण हैं ) हमारे पढ़े-लिखे युवाओं की नौकरियां पिछले दरवाजे से बाहर के अपात्र लोगों को बेच दी गई हैं जिनमें मुख्यमंत्री कार्यालय, सचिवालय, विधानसभा सचिवालय सहित सभी विभागों की नौकरियां शामिल हैं। खेद की बात है कि नौकरी बेचने वाले गिरोह को मंत्री, विधायकों के अतिरिक्त बहुत गरिमामय पदों पर आसीन मुख्यमंत्रियों व विधानसभा अध्यक्षों का संरक्षण प्राप्त है। सूचना अधिकार से हुए खुलासों से सारी सच्चाई जनता के सम्मुख आ चुकी हैं। महिलाएं गांवों में जंगली जानवरों से व शहरों में नर-पिशाचों से सुरक्षित नहीं हैं। अंकिता भंडारी सहित अनेकों युवतियां ऐसे ही नर-पिशाचों का शिकार हो चुकी हैं। अंकिता के हत्यारों का पता चल जाने के बावजूद उन्हें कठोर सजा दिये जाने की बजाय हत्या व अन्य गुनाहों के सबूत मिटा दिए गए हैं। इसके विपरीत इस जघन्य कांड को सार्वजनिक करने व कानूनी लड़ाई लड़ने वाले पत्रकार व वकील आशुतोष नेगी के साथ तथा इसी तरह UKSSSC/UKPSC भर्ती दरोगा भर्ती व अन्य भर्ती घोटाला को उजागर करने वाले युवा बौबी पंवार को पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमों में फंसाकर उनसे साथ मारपीट कर उन्हें जेल में डाला गया और उपरोक्त सभी जुल्मों के खिलाफ सड़क पर आंदोलन करने वाले युवाओं व महिलाओं पर लाठीचार्ज, आंसू गैस व पानी की बौछारें की जा रही हैं।साथियों हमारे प्रत्याशी इस लोकसभा चुनाव में उपरोक्त मुद्दों के अतिरिक्त राज्य की अनेकों समस्याओं को लेकर चुनाव मैदान में है। यदि आपके सहयोग से हमारे प्रत्याशी विजयी होकर देश की संसद में पहुंचेंगे तो हम आपको आश्वस्त करते हैं कि हम निम्न बिंदुओं पर केन्द्र सरकार से तुरन्त समाधान करवायेंगे

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1- जनभावनाओं के अनुरूप राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैंण घोषित करना।
2- देश के संविधान के अनुरूप राज्य में मूलनिवास का आधार वर्ष 1950 निर्धारित करवाना , एक राज्य एक कानून के तहत मैदानी क्षेत्रों में भी मूलनिवास की व्यवस्था सुनिश्चित करवाना व स्थाई निवास प्रमाण पत्र जारी करने के मानकों की समीक्षा करवाना।
3- अनुच्छेद – 371 के अन्तर्गत विशेष व्यवस्था के तहत अथवा हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सशक्त भू-कानून लागू करना।
4- अंकिता भंडारी की हत्या की संपूर्ण जांच सीबीआई से करवाना तथा माननीय उच्चतम न्यायालय में भी समुचित पैरवी करना।
5-उत्तराखंड सचिवालय, विधानसभा सहित विभिन्न विभागों में पिछले दरवाजे से की गई भर्तियों की जांच सीबीआई से करवाई करवाना।
6-यूके एस एस एस सी तथा यूके पी एस सी भर्ती घोटालों व पेपर लीक प्रकरणों की जांच सीबीआई से करवाना।
7- लंबे समय से चली आ रही राज्य कर्मचारियों व केन्द्रीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए सम्मानजनक समाधान करवाना।
8-आगामी परिसीमन में विधानसभाओं का परिसीमन राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार क्षेत्रफल के आधार पर किया जाना।
9-23 वर्षों से लटके उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों का न्यायसंगत बंटवारा सुनिश्चित करवाना।
10-पूर्व सैनिकों की वन रैंक वन पेंशन की मांग को पूरा करवाना।
11- राज्य के सभी जिलों में एक- एक सैनिक स्कूल/ केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना करवाना।
12– विकास के कार्यों में आड़े आ रहे वन अधिनियमों में आवश्यक संशोधन करवाया।
13-वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में जंगली पशुओं व हिसंक जानवरों से स्थानीय जनमानस की जान-माल व फसलों की सुरक्षा हेतु आवश्यक संशोधन करवाना।
14-उत्तराखंड की जनता से 1980 में जल जंगल जमीन के छीन लिए गए अधिकारों को बहाल करवाना।
15- गंगा-यमुना जल बोर्ड को भंग कर उत्तराखंड से निकलने वाली नदियों के जल का नैसर्गिक अधिकार उत्तराखंड सरकार में निहित करवाना।
16-उत्तराखंड में बोली जाने वाली आंचलिक बोली -भाषाओं को संरक्षण देते हुए गढ़वाली,कुमाऊनी व जौनसारी भाषाओं की 8 वीं अनुसूची में शामिल करवाना।
17- देहरादून -कालसी, कोटद्वार -पौड़ी, रामनगर -गैरसैंण व टनकपुर-बागेश्वर सहित अन्य क्षेत्रों को रेलवे लाइन से जोड़ना।
18- असम राइफल्स व अन्य सभी अर्द्ध सैनिक बलों के सेवानिवृत्त सैनिकों को भी पूर्वसैनिकों की तरह समस्त सुविधाएं उपलब्ध करवाना।
तो आइए!! लोकतंत्र की इस महान बेला पर ईमानदारी से जनता की आवाज बुलंद करने, स्वच्छ प्रशासन देने, भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने और शहीदों के सपनों का आदर्श राज्य बनाने हेतु उत्तराखंड क्रांति दल के प्रत्याशियों को अपना अमूल्य मत देकर भारत की संसद में भेजिए।
।। सादर अभिवादन।।
आनंद प्रकाश जुयाल
संरक्षक एवं अध्यक्ष अनुशासन समिति

उत्तराखंड क्रांति दल

उत्तराखंड क्रांति दल चुनाव संचालन समिति द्वारा प्रचारित प्रसारित।


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