मेष अपने हितैषी समझे जाने वाले ही पीठ पीछे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे। पठन-पाठन में स्थिति कमजोर रहेगी। किसी से वाद-विवाद अथवा कहासुनी होने का भय रहेगा। मानसिक एवं शारीरिक शिथिलता पैदा होगी।

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वृष :। आशानुकूल कार्य होने में संदेह है। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा। लेन-देन में अस्पष्टता ठीक नहीं। दूसरों के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप न करें।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

निर्मूल शंकाओं के कारण मनस्ताप भी पैदा हो सकते है। भय तथा शत्रुहानि की आशंका रहेगी। एकाकी प्रवृति का त्याग करें। शुभांक-3-5-7

मिथुन : कारोबार के विस्तार का मानस बनेगा। शैक्षणिक कार्य आसानी से पूरे होते रहेंगे। व्यापार व व्यवसाय में ध्यान देने से सफलता मिलेगी। मन प्रसन्न बना रहेगा। अचल संपति की खरीद अथवा कृषि उद्यम में रुचि पैदा होगी। अपनों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार व व्यवसाय में स्थिति उत्तम रहेगी। शुभांक-2-4-6

कर्क : नये-नये व्यापारिक अनुबंध होंगे। मित्रों से सावधानी रखें तो ज्यादा उत्तम है। शारीरिक सुख के लिए व्यसनों का त्याग करें। कामकाज में आ रहा अवरोध दूर होकर प्रगति का रास्ता मिल जाएगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। हरि करे सो खरी इसीलिए पूरे मनोयोग से कार्य करें। यात्रा योग हैं। शुभांक-5-7-9

सिंह : कार्यक्षेत्र में खुशनुमा माहौल बनेगा। मध्याह्न पूर्व समय आपके पक्ष का रहेगा। कारोबारी काम में प्रगति बनती रहेगी। लेन-देन में आ रही बाधा दूर करने के प्रयास होंगे। परिश्रम प्रयास से काम बनाने की कोशिश लाभ देगी। पर-प्रपंच में ना पड़कर अपने काम पर ध्यान दीजिए। शुभांक-2-5-8

कन्या : भावनाओं का उद्वेग बढ़ेगा। जीवनसाथी का परामर्श लाभदायक रहेगा। धार्मिक कार्य में समय और धन व्यय होगा। हित के काम में आ रही बाधा मध्याह्न पश्चात् दूर हो जाएगी। अपने काम आसानी से बनते चले जाएंगे। संतान पक्ष की समस्या समाप्त होगी। आपसी प्रेम-भाव में बढ़ोतरी होगी। शुभांक-3-5-7

तुला : योजना क्रियान्वन के लिए समय अच्छा व सकारात्मक परिणाम देने वाला बन रहा है। कारोबारी काम में नवीन तालमेल और समन्वय बन जाएगा। जीवन साथी अथवा यार-दोस्तों के साथ साझे में किए जा रहे काम में लाभ मिल जाएगा। सफलता मिलेगी। सुनियोजित तरीके से कार्यारम्भ करें। शुभांक-2-5-7

वृश्चिक : व्यवसाय में प्रतिद्वंद्वी परेशान कर सकते हैं। समय व्ययकारी सिद्ध होगा। ले देकर की जा रही काम की कोशिश ठीक नहीं। आध्यात्मिक रुचि बनेगी। महत्वपूर्ण कार्य को समय पर बना लें तो अच्छा ही होगा। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा। व्यापार में स्थिति नरम रहेगी। कार्य सफल होगें। शुभांक-4-5-7

धनु : लाभदायक कार्यों की चेष्टाएं प्रबल होंगी। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। आय-व्यय की स्थिति समान रहेगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। व्यापार व व्यवसाय में ध्यान देने से सफलता मिलेगी। कामकाज में आ रहा अवरोध दूर होकर प्रगति का रास्ता मिल जाएगा। धार्मिक यात्रा का योग बना है। शुभांक-3-6-8

मकर : सैर-सपाटे में समय व्यतीत होगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। अच्छे कार्य के लिए रास्ते बना लेंगे। अपने हित के काम सुबह-सवेरे ही निपटा लें। शुद्ध गोचर का लाभ। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। यात्रा प्रवास का सार्थक परिणाम मिलेगा। आर्थिक लाभ के किये कार्यों का तत्काल प्रतिफल मिलेगा। शुभांक-4-6-8

कुंभ : मनोरंजन के साधनों पर धन-व्यय होगा। आय-व्यय की स्थिति समान रहेगी। कामकाज में आ रही बाधा दूर होगी। लेन-देन में आ रही बाधा को दूर करने के प्रयास सफल होंगे। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। शैक्षणिक कार्य आसानी से पूरे होते रहेंगे। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। स्त्री का सहयोग मिलेगा। शुभांक-2-5-8

मीन : सुबह-सुबह की महत्वपूर्ण सिद्धि के बाद दिन-भर उत्साह रहेगा। किसी लाभदायक कार्य के लिए व्ययकारक स्थितियां पैदा होगी। अल्प-परिश्रम से ही लाभ होगा। कामकाज में आ रहा अवरोध दूर होकर प्रगति का रास्ता मिल जाएगा। नियोजित धन से लाभ होने लगेगा। आर्थिक स्थिति सुधरेगी। शुभांक-2-4-6

माना जाता है कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है लेकिन इसी के साथ ही अगर सोमवार के दिन शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है और सुख शांति भी जीवन में बनी रहती है।

शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र-

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं ।
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं ।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ।।1।।
निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं ।
गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।।
करालं महाकालकालं कृपालं ।
गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ।।2।।
तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं ।
मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा ।
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ।।3।।
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं ।
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं ।
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ।।4।।

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं ।
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।।
त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं ।
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ।।5।।
कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी ।
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी ।
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।।6।।
न यावद् उमानाथपादारविन्दं ।
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं ।
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ।।7।।
न जानामि योगं जपं नैव पूजां ।
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं ।
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ।।8।।
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ।।9।।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट


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