वैसे तो यहां 11 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला इस बार भी परंपरागत प्रतिद्वंद्वियों भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सिमटा नजर आ रहा है।
हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/ प्रिंट मीडिया :शैल ग्लोबल टाइम्स/ संपादक :अवतार सिंह बिष्ट! प्रवक्ता श्रमजीवी पत्रकार यूनियन उत्तराखंड//
टिहरी राज परिवार की इस परंपरागत सीट पर भाजपा से वर्तमान सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह और कांग्रेस से दो बार के विधायक जोत सिंह गुनसोला मैदान में हैं। दोनों ही प्रत्याशी उम्रदराज हैं और मतदाताओं को साधने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं।
यही नहीं, उक्रांद समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी बाबी पंवार भी भाजपा और कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए खासी मशक्कत कर रहे हैं। चुनावी रण में स्थानीय के साथ राष्ट्रीय मुद्दे भी गूंज रहे हैं, लेकिन मतदाताओं ने अब तक प्रत्याशियों को अपने मन की थाह नहीं लगने दी है। उनकी यह चुप्पी क्या गुल खिलाती है, इसका पता तो नतीजे आने पर ही चलेगा, लेकिन तब तक प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनें बढ़ी ही रहेंगी।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटी इस सीट के रण पर नजर दौड़ाएं तो सूरमाओं ने एक-एक मतदाता तक पहुंचने को ताकत झोंकी हुई है। एक-दूसरे के क्षेत्र में सेंध लगाने में भी वे पीछे नहीं हैं। भाजपा और कांग्रेस ने अपने सांगठनिक ढांचे को गांव-गांव में मोर्चे पर लगाया हुआ है। इस संसदीय सीट पर पिछले कुछ समय में पाला बदल भी खूब देखने को मिला है, जिससे कांग्रेस को झटका लगा है।
कांग्रेस से छिटककर कई पूर्व विधायक, नेता और कार्यकर्ता अब भाजपा का दामन थाम चुके हैं। ऐसे में भाजपा इनका पूरा लाभ उठाने की रणनीति पर चलते हुए उनके माध्यम से कांग्रेस के कैडर वोट में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है। दूसरी तरफ, कांग्रेस इस नुकसान की भरपाई के प्रयास में जुटी है।
भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दल यहां मतदाताओं को साधने के लिए स्टार प्रचारकों को उतार चुके हैं। भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऋषिकेश तो कांग्रेस प्रत्याशी के लिए पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रुड़की में जनसभा कर चुकी हैं। यही नहीं, विकासनगर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले चकराता क्षेत्र के मतदाताओं को साधने का प्रयास किया।
मसूरी और कैंट विधानसभा क्षेत्र में केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह (सेनि) सैन्य मतदाताओं के बीच पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी निरंतर जनसभा और जनसंपर्क में जुटे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत अन्य प्रांतीय नेता भी जनसभा और जनसंपर्क में बेरोजगारी, महंगाई के साथ अग्निपथ योजना से जुड़े विषय उठाकर मतदाताओं को साधने के प्रयास में जुटे हैं।
राष्ट्रीय मुद्दे दिख रहे हावी
चुनाव प्रचार का शुरुआती दौर भले ही स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित रहा, लेकिन अब अंतिम दौर में राष्ट्रीय मुद्दे हावी होते दिख रहे हैं। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता को भुनाने के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, राम मंदिर, किसान सम्मान निधि, खाद्य सुरक्षा योजना जैसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ, कांग्रेस को एंटी इनकमबेंसी पर भरोसा है। साथ ही वह भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई और अग्निपथ योजना के मुद्दों को रख रही है।
- टिहरी सीट पर कुल मतदाता -1577664
- महिला-761783
- पुरुष-815819
- ट्रांसजेंडर – 62
क्षेत्रवार जनसंख्या
- ग्रामीण आबादी- 62 प्रतिशत
- शहरी आबादी- 38 प्रतिशत
सामाजिक तानाबाना
इस सीट के सामाजिक ताने-बाने को देखें तो यहां राजपूत 39.75 प्रतिशत, ब्राह्मण 23.30, एससी 17.15, एसटी 6.10, मुस्लिम 4.10, वैश्य 4.75, सिख -2.75 और गोर्खा 2.10 प्रतिशत हैं।
इन समीकरण का हम दावा नहीं करते। पूर्व मैं भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस की पकड़ टिहरी में रही है। उसी के परिणाम स्वरूप उपरोक्त खबर प्रसारित की गई है। क्योंकि बॉबी पवार ने बिगाड़ दिए है राष्ट्रीय पार्टियों के समीकरण।
अभी यह कहना कौन बनेगा सांसद जल्दी बाजी होगी प्रतिदिन समीकरण बदल रहे हैं। तो क्या बॉबी पवार बनेंगे सांसद बने रहिए हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स की खबर पर।