जैसे-जैसे पुलिस साइबर ठगों के मंसूबों पर पानी फेरती है, वेसे-वैसे साइबर फ्रॉड ठगी के नए-नए तरीका भी इजात करते हैं…. ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है केदारनाथ धाम में चल रही हेली सेवाओं में.

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हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /प्रिंटिंग मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स /संपादक अवतार सिंह बिष्ट , रूद्रपुर, उत्तराखंड

हालात ये तो गए हैं कि राज्‍य की एसटीएफ के पास कई थानों से अलग अलग कंप्‍लेंट पहुंच रही हैं. आखिर क्या है मामला जानते हैं. देखिये ये स्पेशल रिपोर्ट

10 मई से शुरू हुयी उत्तराखंड में चार धाम यात्रा में सबसे ज्यादा श्रधालुओं का क्रेज भी केदारनाथ धाम की तरफ देखने को मिला है. जहां अभी तक करीब 8 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. वहीं, धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में हेली सर्विस के लिए भी लंबी वेटिंग देखने को मिलती है, जिसके चलते कई बार यात्रियों को साइबर ठगी का भी शिकार होना पड़ा. साइबर ठगों ने जहां फर्जी वेबसाइड तैयार कर यात्रियों से बुकिंग के नाम पर ठगी की, जिसके बाद से ही उत्तराखंड साइबर पुलिस ने करीब 85 फर्जी वेबसाइड बंद करवाई थीं.

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अब साइबर ठगों ने अपना तरीका बदल दिया है और अब फर्जी वेबसाइट के बदले साइबर ठग फेसबुक पेज, इंस्ट्राग्राम पेज तैयार कर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंशर्स के माध्यम से हेली सर्विस की सुविधाओं के नाम पर ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं… जो पुलिस के लिए अब चुनौती बनी है. क्‍योंकि किसी भी फेसबुक और इंस्ट्राग्राम के पेज को बंद करवाने में पुलिस के लिए भी भारी दिक्कतें आती है…

STF एसएसपी आयुष अग्रवाल बताते हैं कि हेली सर्विस के नाम पर अभी तक प्रदेश के अलग-अलग थानों में एक दर्जन से ज्यादा मामले सामने आए हैं. पुलिस साइबर ठगों की एक कड़ी को तोडती है, तो वहीं दूसरी चुनौती सामने आती है.


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