7 नवंबर २०२३ को राष्ट्रपति उत्तराखंड दौरे पर आ रही है 9 नवंबर राज्य स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि होंगी । हम सब उत्तराखंड राज्यआंदोलनकारी, प्रदेशवासी महामहिम राष्ट्रपति का अभिवादन करते हैं। उत्तराखंड राज्य की परिकल्पना 23 सालों में,राज्य गठन के समय प्रदेश की आर्थिक स्थिति खास अच्छी नहीं थी। विकास दर कुल तीन प्रतिशत थी। प्रदेश में उद्योग, बैंक की उपस्थिति न के बराबर थी। पहाड़ में सड़कों का नेटवर्क बेहद सीमित था। पहाड़ को पनिसमेंट पोस्टिंग के नाम से जाना जाता था। पहाड़ की आर्थिकी मनि आर्डर पर निर्भर थी 23 सालों में उत्तराखंड में बहुत कुछ बदला है। उत्तराखंड राज्य ने जिस तेजी से अपना विकास किया आज उत्तराखंड ही नहीं पूरे भारतवर्ष के युवा उत्तराखंड में अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए नौकरी, व्यवसाय की तलाश में उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं, सिडकुल की स्थापना के बाद उत्तराखंड की तस्वीर तकदीर ही बदल गई, उत्तराखंड के सुदूर पहाड़ों से भी पलायन कर लोग उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में बसने लगे, पहाड़ से पलायन कर जो लोग उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में आए उन्होंने तेजी से अपना व अपने परिवार का आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक रूप से विकास किया । आज उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में 25% आबादी पर्वतीय लोगों की हो चुकी है। दूसरी ओर पहाड़ के जो खेत खलियान मकान थे। वह सुन पड़ गए। पुष्कर सिंह धामी सरकार पहाड़ों में भी उद्योग धंधे स्थापित करने के लिए अग्रसर है। धामी सरकार देश-विदेश में उद्योगपतियों को रिझाने का भी कार्य कर रहे हैं। उद्योगपतियों के द्वारा उत्तराखंड सरकार के प्रयासों से उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के सुदूर अंचलों की भी तकदीर व तस्वीर छोटे-छोटे उद्योग आने से बदल जाएगी। (मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयास जरूर सार्थक में होंगे, 2025 तक उत्तराखंड बनेगा विकसित प्रदेश,) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा जिस तेजी से उत्तराखंड राज्य की अवधारणा को धरातल पर उतारने का कार्य किया । सराहनीय प्रयास है ./ उत्तराखंड राज्य के शहीदों के सपने का उत्तराखंड बनाने के लिए अग्रसर है । उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यों एवं प्रयासों की सराहना चारों तरफ है। भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड, नशा मुक्ति उत्तराखंड, उत्तराखंड राज्य आंदोलन में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारीयो की, उन शहीदों की जिन्होंने उत्तराखंड राज्य के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। वह तभी सार्थक हो सकता है जब प्रदेश के समस्त राज्य आंदोलनकारी का विकास होगा। उनकी पेंशन बढ़ाई जाएगी। उनको भी झारखंड की तर्ज पर सरकार के साथ सहयोग की भूमिका में रखते हुए उनका उचित मान सम्मान देगी । उत्तराखंड राज्य में शहीद परिवारों को जिन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगी। तभी उत्तराखंड राज्य की परिकल्पना सार्थक होती दिखेगी। हम 23वा राज्य स्थापना दिवस एवं 24वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं। पूरे प्रदेश के राज्य आंदोलनकारी व आंदोलनकारी शक्तियों , उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद की तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएं ।लेकिन, आज भी राज्य आंदोलनकारी सड़क से लेकर सदन तक अपनी खुद की मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। इन 23 सालों में वास्तविक राज्य आंदोलनकारी जिनका चिन्हितकरण भी नहीं हो पाया है। सारे अभिलेख होने के बाद भी डीएम कार्यालय, तहसील, एसडीएम कार्यालय, पर चक्कर लगाते लगाते बुढ़ापे की दहलीज पर कदम रख चुके हैं। चिंता की लकीर है उनके माथे पर स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। राज्य आंदोलनकारीर्यो को 9 नवंबर 2023 राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से ढेर सारी उम्मीदें हैं। ₹15000 पेंशन राज्य आंदोलनकारी की तरफ से उठ रही है। सभी राज्य आंदोलनकारी को विश्वास है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , उत्तराखंड राज्य की परिकल्पना को सार्थक करते हुवे ,राज्य आंदोलनकारी जो आज भी संघर्ष कर रहे हैं ।उनकी स्थिति मजबूत करने के लिए ₹15000 प्रति राज्य आंदोलनकारी कर देंगे। अगर वास्तव में ऐसा हुआ तो प्रदेश 13000 का जानकारी उनके परिवार के सदस्य सरकार के कायल हो जाएंगे । 10% क्षैतिज आरक्षण के संदर्भ में जिस तेजी से सरकार ने कार्य किया प्रवर समिति के सभी सदस्यों को एवं उत्तराखंड सरकार को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी की तरफ से धन्यवाद । लेकिन क्या 10% आरक्षण प्रवर समिति की मोहर लगने के बाद विधानसभा के पटल पर रखने के उपरांत माननीय राज्यपाल के पास जाएगी। हरीश रावत सरकार के समय पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारीयो के पक्ष में बना विधेयक पूर्व की भांति इस बार भी लटका दिया जाएगा। या फिर धामी सरकार खुद के प्रयासों से 10% आरक्षण लागू करने का प्रयास करेगी। त्वरित कार्रवाई होने पर जिसका धामी सरकार को राजनीतिक फायदा भी मिलेगा। उत्तराखंड के अंदर जो आंदोलन होते थे ।उसमें विराम भी लगेगा, हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स के चीफ एडिटर एवं उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष अवतार सिंह बिष्ट की तरफ से समस्त प्रदेशवासियों को राज्य आंदोलनकारी शक्तियों को राज्य स्थापना दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं।

Spread the love

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स चीफ एडिटर अवतार सिंह बिष्ट अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड के दौरे पर आ रही है नवंबर में राष्ट्रपति का तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरा है 7 नवंबर से 9 नवंबर तक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड में रहेंगी जिनके दौरे को लेकर तैयारियां की जा रही हैं हालांकि उनका फाइनल कार्यक्रम आना अभी बाकी है लेकिन जानकारी के मुताबिक द्रौपदी मुर्मू तीन दिन तक उत्तराखंड में ही रहेंगी। 7 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड पहुंचेंगे और 8 नवंबर को श्रीनगर में हेमती नंदन बहुगुणा गड़वाल केंद्रीय यूनिवर्सिटी के 11वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी और इसके बाद पंतनगर पंतनगर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी हिस्सा ले सकती हैं लेकिन उत्तराखंड के लिए सबसे बड़ी बात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्थापना दिवस में शामिल होने की है 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेंगी। इसके अलावा उनका बद्रीनाथ धाम जाने का भी कार्यक्रम बताया जा रहा है

सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। हम इसे 2025 तक देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे। लेकिन सवाल यह उठता हैं कि क्या सच में उत्तराखंड मुकाम हासिल कर रहा हैं। इस सफर में कई सपनों को पूरा किया, तो कई अधूरे रह गए

राज्य की इस ऊंची छलांग के बावजूद कड़वी सच्चाई यह है कि विकास और निर्माण कार्यों के लिए अपने संसाधनों से धन जुटाना भारी पड़ रहा है। राज्य के कुल बजट खर्च में वेतन और पेंशन खर्च की हिस्सेदारी लगभग 33 प्रतिशत हो चुकी है,


Spread the love