
इतिहास में औरंगजेब को एक कट्टर सुन्नी मुसलमान और क्रूर शासक के रूप में देखा जाता है, जिसने सत्ता के लिए अपने ही परिवार का खून बहाने में संकोच नहीं किया। लेकिन उसके निजी जीवन से जुड़ी कई बातें भी कम विवादित नहीं हैं।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
सत्ता के लिए किसी का भी खून बहाना
इतिहासकार इस बात पर एकमत नहीं हैं कि औरंगजेब ने हिंदुओं पर सिर्फ धार्मिक कारणों से अत्याचार किए या फिर यह सिर्फ सत्ता हासिल करने की उसकी रणनीति थी। लेकिन यह तय है कि उसके शासनकाल में हिंदुओं पर जजिया कर लगाया गया, मंदिरों को तोड़ा गया, सिख गुरुओं को प्रताड़ित किया गया और छत्रपति संभाजी की बेरहमी से हत्या की गई। उसने अपने पिता शाहजहाँ को कैद कर लिया और अपने भाइयों को मार डाला, ताकि वह सत्ता का एकमात्र मालिक बन सके।
औरंगजेब की कितनी पत्नियाँ?
इतिहास में दर्ज जानकारी के अनुसार औरंगजेब की तीन मुख्य पत्नियाँ थीं, दिलरास बानो बेगम, नवाब बाई और औरंगाबादी महल। इनमें से दिलरास बानो बेगम को उसकी मुख्य पत्नी माना जाता है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि कुछ ऐतिहासिक अभिलेखों से पता चलता है कि उसकी दो पत्नियाँ हिंदू थीं, नवाब बाई और उदैपुरी। इनमें सबसे लोकप्रिय नाम उदयपुरी है, जिसका ज़िक्र खुद औरंगजेब ने अपने बेटे को लिखे पत्र में किया है।
उदैपुरी ने औरंगजेब के साथ सती होने की जताई थी इच्छा
उदैपुरी के बारे में अलग-अलग मत हैं। कुछ इतिहासकारों के अनुसार, वह एक राजपूत हिंदू थी, जबकि कुछ का मानना है कि वह एक ईसाई थी और मूल रूप से जॉर्जिया की निवासी थी। कुछ इतिहासकारों के अनुसार, उसे सबसे पहले दारा शिकोह ने खरीदा था और बाद में औरंगजेब के हरम में शामिल कर लिया था। लेकिन एक बात जो इतिहास में दर्ज है वो ये कि उदैपुरी औरंगजेब से बेहद प्यार करती थी। वो औरंगजेब से इतना प्यार करती थी कि जब उसकी मौत हुई तो उसने उसके साथ सती होने की इच्छा जताई। हालांकि, वो ऐसा नहीं कर पाई और कुछ महीने बाद उसकी भी मौत हो गई।
शराबी बेटा जिसे उदैपुरी की वजह से मिलती रही माफ़ी
उदैपुरी ने 1667 में एक बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम कामबख्श था। कामबख्श एक गैरजिम्मेदार और शराबी था जिसे शासन करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। इसके बावजूद औरंगजेब उसे बार-बार माफ़ कर देता था, क्योंकि उसकी मां उदैपुरी उसके लिए बादशाह से रहम की भीख मांगती रहती थी।
क्या औरंगजेब के पास प्रेम कहानियां भी थीं?
हालाँकि औरंगजेब को धार्मिक कट्टरता के लिए जाना जाता है, लेकिन उसके जीवन में प्रेम कहानियों के लिए भी जगह थी। इतिहास दर्ज है कि जब वो बुरहानपुर में अपनी मौसी के घर गया तो उसकी मुलाकात एक नौकरानी हीराबाई से हुई। कहा जाता है कि हीराबाई को देखते ही वो बेहोश हो गया था। बाद में उसने अपनी मौसी से विनती करके हीराबाई को अपने हरम में शामिल कर लिया। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि हीराबाई ही नवाब बाई थी। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि नवाब बाई और हीराबाई एक ही महिला थीं या अलग-अलग महिलाएं थीं।
बेगमों का महल पर कितना प्रभाव?
जहांगीर की नूरजहां और शाहजहां की मुमताज महल जैसी शक्तिशाली मुगल बेगमों की तरह औरंगजेब की पत्नियों के शासन में सीधे हस्तक्षेप का कोई सबूत नहीं है। लेकिन यह भी सच है कि उदयपुरी इतनी प्रभावशाली थी कि वह औरंगजेब से अपने बेटे की गलतियों को माफ करवा लेती थी।
औरंगजेब की कितनी हिंदू पत्नियां थीं?
औरंगजेब की पत्नियों की पहचान को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं। कुछ का मानना है कि उदैपुरी हिंदू थीं, जबकि कुछ का कहना है कि वह ईसाई थीं। लेकिन यह तय है कि वह औरंगजेब की पसंदीदा पत्नी थीं और उनके बेटे कामबख्श को हमेशा उनका विशेष संरक्षण प्राप्त था। औरंगजेब के जीवन का यह पहलू बताता है कि धर्म के नाम पर हिंदुओं पर अत्याचार करने वाले औरंगजेब के जीवन में हिंदू पत्नियाँ कितनी महत्वपूर्ण थीं। यह इतिहास का ऐसा पहलू है जिसकी बार-बार जांच की जाएगी।
