बांग्लादेश भारत को कितने ही नखरे दिखा ले लेकिन उसे भी यह बात अच्छे से पता है कि, भारत यदि साथ न दे तो उसका नामों निशान तक इस धरती से मिट जायेगा। भारत बांग्लादेश को नमक, तेल, मसाले से लेकर न्यूक्लियर रिएक्टर तक निर्यात करता आया है। यदि भारत बांग्लादेश से मुँह फेर लेगा तो यह देश बर्बाद हो जायेगा।
(संदेश)
प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर
भारत के बिना गुजारा मुश्किल
अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपने खाद्यान्न भंडार को भरने के लिए एक अहम कदम उठाया है। सरकार ने भारत से 50 हजार टन चावल आयात करने का निर्णय लिया है, ताकि खाद्य संकट से निपटा जा सके। वित्त सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने बांग्लादेश सचिवालय में सरकारी सलाहकार समिति की बैठक के दौरान इस निर्णय की पुष्टि की।
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बांग्लादेश ने भारत से 5 लाख टन चावल आयात करने का निर्णय लिया
बांग्लादेश का खाद्य मंत्रालय अब 456.67 डॉलर प्रति टन की लागत से भारतीय चावल आयात करेगा। इससे पहले, 6 नवंबर को बांग्लादेश ने भारत की पट्टाभि एग्रो फूड्स प्राइवेट से 40 हजार 300 रुपये प्रति टन दर पर चावल आयात करने का फैसला लिया था। इस साल बांग्लादेश ने 5 लाख टन चावल आयात करने का निर्णय लिया है है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बांग्लादेश के पास फिलहाल 12.36 लाख टन अनाज का भंडार है, जिसमें से 8.08 लाख टन चावल है। अगले वित्तीय वर्ष में बांग्लादेश 20.52 लाख टन अनाज वितरित करेगा, जिसमें से 8 लाख टन चावल स्थानीय बाजार से खरीदा जाएगा।
भारत करता है कई चीजों का निर्यात
भारत और बांग्लादेश के व्यापार संबंध बहुत मजबूत रहे हैं। भारत बांग्लादेश को नमक, तेल, मसाले और कई अन्य आवश्यक वस्त्रों का निर्यात करता है। बांग्लादेश के खाद्यान्न संकट से निपटने के लिए भारत से मदद अनिवार्य हो गई है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में लगभग 15.9 अरब डॉलर का रहा था। बांग्लादेश का यह कदम यह दिखाता है कि चाहे सरकारें एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करें, लेकिन खाद्य सुरक्षा के मामलों में भारत का सहयोग बांग्लादेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।