भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने बृहस्पतिवार को उत्तराखंड की जनता से प्रदेश की सभी पांच लोकसभा सीट पर भाजपा को फिर जिताकर नरेन्द्र मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने और भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करने की अपील की।2013 में उत्तराखंड बाढ़ से तबाह हो गया। केदारनाथ मंदिर और आदि गुरु श्री शंकराचार्य की समाधि दोनों तबाह हो गए थे, और तब केंद्र सरकार ने मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्रों को बहाल करने का फैसला किया।

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पिथौरागढ़ में प्रदेश की अपनी पहली चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘देश प्रधानमंत्री के हाथों में सुरक्षित है, देश उनके नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है, उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाना है। यह आपकी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है।” नड्डा ने कहा कि कोविड-19 की मार और रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद ब्रिटेन को पीछे छोड़कर भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अब आप तीसरी बार भी पांचों सीट पर भाजपा को जिताएंगे तो मोदी जी के नेतृत्व में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।” बाद में, देहरादून जिले के विकासनगर में एक अन्य जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी ने देश में राजनीति की परिभाषा बदल दी है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने दशकों से चली आ रही जाति और तुष्टिकरण की वोट बैंक की राजनीति को ‘‘विकासवाद की राजनीति” से बदल दिया है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अब राजनीति जनता के लिए किए गए काम के ‘रिपोर्ट कार्ड’ पर ही चलेगी। नड्डा ने कहा, ‘‘टिहरी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह के लिए आपका वोट काम करने और विकास पर आधारित राजनीति के मोदी के ब्रांड पर मंजूरी की मुहर होगा।” विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन को ‘‘परिवारवादी पार्टियों और भ्रष्टाचारियों” का जमावड़ा बताते हुए उन्होंने इस संबंध में कांग्रेस पार्टी के गांधी परिवार सहित जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला, मुफ्ती परिवार, तमिलनाडु में करूणानिधि-स्टालिन परिवार, महाराष्ट्र में ठाकरे और पवार परिवार, पश्चिम बंगाल में ममता-अभिषेक परिवार और उत्तर प्रदेश तथा बिहार में यादव परिवार का उदाहरण दिया। भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘इन इंडी गठबंधन वालों का आप से कोई लेना देना नहीं है बल्कि उनका मकसद केवल अपनी कुर्सी बचाना और भ्रष्टाचारियों का संरक्षण करना है।” उन्होंने कहा कि वर्तमान आम चुनाव में जनता को घोटालेबाजों और उन लोगों के बीच में चुनाव करना है जिन्होंने उनका दर्द समझा और उनके विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी। नड्डा ने कहा, ‘‘आपको चयन करना है।

एक तरफ वे लोग हैं जिन्होंने उत्तराखंड के दर्द को समझा, उसे आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, प्रदेश के युवाओं की आकांक्षाओं को पंख लगाए और महिलाओं को ताकत दी और दूसरी तरफ वे लोग हैं जिन्होंने दशकों तक आपके साथ धोखा किया, जिन्होंने घोटाले किए और आपको विनाश की तरफ धकेला।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कार्यकाल में अनेक घोटाले हुए और उसने जल, थल, नभ और पाताल हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार किया। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में चहुंमुखी विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक सामान के क्षेत्र में भारत 2014 के मुकाबले छह गुना आगे बढ़ गया है जबकि देश इस्पात के क्षेत्र में दस साल में चौथे नंबर से दूसरे नंबर पर आ गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चार करोड़ पक्के घर बनाए गए हैं जिनमें से एक लाख घर केवल उत्तराखंड में बने हैं जबकि उज्ज्वला योजना के तहत 11 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन दिए गए हैं। उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के लिए नड्डा अपने दो दिवसीय दौरे पर हैं जहां शुक्रवार को वह हरिद्वार में एक रोड शो में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से रुचि ली और 2017 में पारिस्थितिक रूप से अधिक जागरूक पुनर्विकास परियोजना की आधारशिला रखी।

आज, मंदिर और मंदिर को पूरी तरह से बहाल कर दिया गया है और परिसर को पूरी तरह से पुनर्विकास किया गया है। 3,584 मीटर की ऊंचाई पर, बर्फ से ढके हिमालय से घिरा और मंदाकिनी के तट पर स्थित, केदार धाम भारत में सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों में से एक है। इसका जीर्णोद्धार शीघ्रता से किया जाना था। आध्यात्मिकता और रोमांच के मशहूर इस साइट पर हर साल लाखों पर्यटक आते हैं।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने केदारनाथ में प्रशाद योजना के तहत ‘केदारनाथ के एकीकृत विकास’ के बैनर तले कई कार्य पूरे किए हैं। यह परियोजना तीर्थयात्रियों को स्नान घाट, सूचना केंद्र और भोजन कियोस्क के साथ-साथ 3,000 कारों की बहु-स्तरीय पार्किंग, वाई-फाई, सीसीटीवी और शौचालय ब्लॉक जैसी सुविधाएं प्रदान करती है। बुनियादी ढांचे को सुरक्षित बनाने और पर्यावरण को संरक्षित करने के उपाय भी हैं, जैसे दीवारों को बनाए रखना और अपशिष्ट प्रबंधन। यहां एक मेडिटेशन केव भी है, जहां प्रधानमंत्री ने एकांत में 17 घंटे बिताए थे और जो अब भक्तों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है।

2013 की विनाशकारी बाढ़ में आदि गुरु श्री शंकराचार्य की समाधि भी बह गई थी। अब सरकार ने उनके समाधि स्थल पर 12 फीट की प्रतिमा स्थापित की है। माना जाता है कि हिंदू धर्म के सबसे प्रभावशाली दार्शनिकों में से एक और हिंदू धर्म को उसके वर्तमान स्वरूप में परिभाषित करने के लिए जिम्मेदार शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में केदारनाथ की यात्रा की थी और मंदिर का निर्माण किया था।

केदारनाथ मंदिर और अपने चार मठों में से एक की स्थापना की। मंदिर के पीछे बनी उनकी समाधि वह स्थान है जहां माना जाता है कि वह 32 साल की उम्र में मोक्ष प्राप्त करने के लिए बैठे थे।

7,000 करोड़ रुपये से समग्र विकास को मंजूरी

बाढ़ में तबाह होने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से टिहरी झील और उसके जलग्रहण क्षेत्र के समग्र विकास को मंजूरी दे दी है। इसे बहुपक्षीय विकास बैंकों की मदद से बनाया जाएगा। परियोजना न केवल क्षेत्र में पानी और अन्य साहसिक खेलों को बढ़ावा देने की उम्मीद करती है, बल्कि क्षेत्र के 173 गांवों में युवाओं को 80,000 से अधिक नौकरियां प्रदान करने की भी उम्मीद करती है। यह परियोजना न केवल पर्यटकों को लाकर अर्थव्यवस्था में सुधार लाएगी, नौकरियां स्थानीय युवाओं को अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए प्रेरित करेंगी।

2014 के बाद से, मोदी सरकार ने रहस्यवाद, आध्यात्मिकता और रोमांच की इस भूमि पर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई योजनाएं बनाई और लागू की हैं। ये परियोजनाएं और योजनाएं न केवल राज्य को आने वाले लोगों के लिए अधिक आकर्षक और आरामदायक बनाती हैं, बल्कि सरकार की रिवर्स माइग्रेशन की योजना को पूरा करने में भी सफल होती हैं। ग्रामीण स्तर पर पर्यटन और पर्यटक सुविधाओं को विकसित करने पर जोर देने के कारण, कई युवाओं को शहरों में जाने से रोका गया है, और कुछ सफल व्यवसाय चलाने के लिए वापस भी लौट आए हैं।

Hindustan Global Times/ प्रिंट मीडिया:
शैल ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट, रूद्रपुर उत्तराखंड

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