संपादकीय;सेवा और समाज के नाम समर्पित होगा जन्मदिन समारोह?सेवा, संगठन और संकल्प: पुस्कर सिंह धामी का जन्मदिन बना जनकल्याण अभियानसेवा, संगठन और संकल्प: प्रधानमंत्री एवं पुष्कर सिंह धामी का जन्मदिन बना जनकल्याण अभियान

Spread the love


रुद्रपुर, 16 सितम्बर।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिन (16 सितम्बर) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (17 सितम्बर) को भाजपा संगठन ने महज़ औपचारिक उत्सव न बनाकर जनसेवा का अभियान बना दिया है। इसी क्रम में 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में “सेवा पखवाड़ा” चलाया जाएगा।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

इस दौरान मंदिरों में पूजा-पाठ, अस्पतालों में निःशुल्क चिकित्सक शिविर, इंद्रा चौक स्थित ब्लड बैंक सरकारी हॉस्पिटल पर रक्तदान शिविर, नगर निगम में प्रदर्शनी, खटीमा और रुद्रपुर में मैराथन, तथा दिव्यांगजनों को उपकरण वितरण जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

जिला अध्यक्ष कमल जिंदल के नेतृत्व में जिला इकाई ने तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। महामंत्री तरुण दत्ता, कोषाध्यक्ष रोशन अरोड़ा, हिमांशु शुक्ला, जिला संयोजक हरविंदर सिंह चुघ, प्रमोद मित्तल और रामप्रकाश गुप्ता सहित संगठन के पदाधिकारी कार्यक्रमों की निगरानी कर रहे हैं।

रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (17 सितम्बर) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिन (16 सितम्बर) को भाजपा संगठन ने सेवा और समाज के नाम समर्पित कर दिया है। इस अवसर पर 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक “सेवा पखवाड़ा” का आयोजन हो रहा है, जिसके अंतर्गत रक्तदान शिविर, निःशुल्क चिकित्सक शिविर, दिव्यांगों को उपकरण वितरण, मैराथन और प्रदर्शनी जैसे कार्यक्रम तय किए गए हैं।

रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा ने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी का जीवन जनसेवा को समर्पित है। भाजपा कार्यकर्ता जन्मदिन को उत्सव की बजाय सेवा दिवस के रूप में मनाकर यही संदेश दे रहे हैं कि संगठन का असली उद्देश्य जनता की भलाई है। रुद्रपुर में होने वाले रक्तदान शिविर और मैराथन युवाओं और समाज दोनों को नई दिशा देंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि जनता की भागीदारी ही इन आयोजनों की सफलता है। रक्तदान जैसे कार्य न केवल ज़िंदगी बचाते हैं बल्कि समाज को जोड़ते भी हैं। विधायक अरोड़ा ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे सेवा पखवाड़े को एक मिशन की तरह अपनाएँ और इसे गांधी जयंती तक जनआंदोलन का स्वरूप दें।

पार्टी का कहना है कि जन्मदिन को सेवा दिवस बनाना ही इन दोनों जननायकों की असली प्रेरणा है। रक्तदान जैसे कार्यक्रम जहाँ जीवन बचाने का संकल्प हैं, वहीं दिव्यांग उपकरण वितरण और स्वास्थ्य शिविर जरूरतमंदों तक सहारा पहुँचाने का प्रयास हैं।

सेवा पखवाड़ा का समापन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर होगा, जिससे यह पूरा अभियान महात्मा गांधी के सत्य, सेवा और स्वच्छता के संदेश से भी जुड़ जाएगा।



सेवा, संगठन और संकल्प: पुस्कर सिंह धामी का जन्मदिन बना जनकल्याण अभियान?भारतीय जनता पार्टी की कार्यशैली में एक निरंतरता रही है—नेताओं के जन्मदिन केवल औपचारिक समारोहों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि उन्हें सेवा और समाजहित के पर्व के रूप में मनाया जाता है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आगामी जन्मदिन (17 सितंबर) इसी परंपरा का हिस्सा बनकर एक ‘सेवा पखवाड़ा’ का रूप ले रहा है, जो 2 अक्टूबर तक चलेगा।

इस पखवाड़े के अंतर्गत मंदिरों में पूजा-पाठ से लेकर अस्पतालों में चिकित्सा शिविर, रक्तदान शिविर, दिव्यांगों को उपकरण वितरण, नगर निगम में प्रदर्शनी और विभिन्न सांस्कृतिक व खेलकूद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन आयोजनों का मूल उद्देश्य केवल राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक भी है—सेवा ही संगठन है की अवधारणा को मजबूत करना।


जन्मदिन से सेवा अभियान तक?17 सितंबर को इंदिरा चौक पर सरकारी अस्पताल ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन धामी सरकार और संगठन के ‘जनहित’ दृष्टिकोण को सामने लाता है। जन्मदिन पर नेताओं के लिए बड़े होटल या भव्य पार्टी करने की परंपरा को तोड़ते हुए इसे जरूरतमंदों के जीवन को बचाने वाले रक्तदान जैसे पुण्य कार्य से जोड़ा गया है।

इसी दिन से विभिन्न अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सक शिविर लगाए जाएंगे। यह व्यवस्था उन लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने का प्रयास है जिन्हें साधनहीनता या जानकारी के अभाव में नियमित इलाज नहीं मिल पाता।

21 सितंबर को रुद्रपुर में मैराथन का आयोजन युवाओं को स्वास्थ्य, अनुशासन और एकता का संदेश देगा। वहीं, खटीमा में खेलकूद और सामुदायिक कार्यक्रमों के माध्यम से मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र की जनता के साथ गहरे संबंध को दर्शाया जाएगा।


संगठनात्मक सक्रियता और जिला इकाई की भूमिका?किसी भी बड़े अभियान की सफलता केवल नेतृत्व पर नहीं, बल्कि जमीनी संगठन की ऊर्जा पर निर्भर करती है। इस लिहाज़ से भाजपा की रुद्रपुर इकाई का दायित्व महत्वपूर्ण है।

  • जिला अध्यक्ष कमल जिंदल की नेतृत्व क्षमता और कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय इस पूरे पखवाड़े को धार देंगे।
  • महामंत्री तरुण दत्ता की संगठनात्मक मजबूती कार्ययोजना को समय पर क्रियान्वित करेगी।
  • कोषाध्यक्ष रोशन अरोड़ा का योगदान आर्थिक प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
  • हिमांशु शुक्ला जैसे युवा पदाधिकारियों की भागीदारी अभियान को युवाओं तक पहुँचाएगी।
  • जिला संयोजक हरविंदर सिंह चुघ की सक्रियता पूरे कार्यक्रम को जोड़ने का काम करेगी।
  • वहीं, प्रमोद मित्तल और रामप्रकाश गुप्ता जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी मार्गदर्शन और अनुभव से इस प्रयास को स्थायित्व देंगे।

यहाँ उल्लेखनीय है कि इस सेवा पखवाड़े को केवल औपचारिक ‘इवेंट मैनेजमेंट’ की तरह नहीं, बल्कि संगठन की जड़ों को समाज में और गहराई तक ले जाने वाले अभियान की तरह देखा जा रहा है।


सेवा पखवाड़ा: प्रतीक और संदेश

  1. सामाजिक समरसता का संदेश
    मंदिरों में पूजा-पाठ से लेकर अस्पतालों में सेवा कार्य तक, यह अभियान धर्म और समाज को जोड़ने का कार्य कर रहा है।
  2. युवा शक्ति का आह्वान
    मैराथन और खेल गतिविधियाँ युवाओं को केवल स्वास्थ्य की ओर प्रेरित नहीं करतीं, बल्कि उन्हें राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी की ओर भी उकसाती हैं।
  3. जनकल्याण की राजनीति
    दिव्यांगों को उपकरण वितरण और रक्तदान जैसे कदम राजनीति को लोककल्याण के साथ जोड़ते हैं।
  4. गांधी जयंती तक सेवा भाव
    सेवा पखवाड़ा 2 अक्टूबर तक चलेगा, जिससे यह सीधे महात्मा गांधी की सेवा और स्वच्छता की भावना से भी जुड़ जाता है।


आलोचनात्मक दृष्टि?हालाँकि यह प्रयास सराहनीय है, लेकिन यह भी ध्यान देने योग्य है कि ऐसे अभियानों की सफलता केवल आयोजन तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि बड़े-बड़े कार्यक्रमों के बाद उनकी समीक्षा और स्थायित्व की कमी रह जाती है।

  • क्या रक्तदान शिविर से इकट्ठा किया गया रक्त सही समय पर ज़रूरतमंदों तक पहुँचता है?
  • क्या अस्पतालों में लगाए गए शिविर केवल फोटो सेशन बनकर रह जाते हैं या वास्तव में बीमारों की मदद करते हैं?
  • दिव्यांग उपकरण वितरण योजनाएँ क्या वास्तविक लाभार्थियों तक पहुँचती हैं या राजनीति का साधन बन जाती हैं?

इन सवालों का जवाब तभी मिलेगा जब संगठन सेवा पखवाड़े को ‘दीर्घकालिक सेवा संस्कृति’ में बदले।


प्रधानमंत्री मोदी एवं पुष्कर सिंह धामी का जन्मदिन केवल व्यक्तिगत उत्सव न रहकर एक सामूहिक जनसेवा पर्व में बदल गया है। इस पहल में भाजपा जिला इकाई और संगठन की भूमिका बेहद अहम है।

यह सेवा पखवाड़ा केवल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री के प्रति सम्मान का प्रतीक नहीं, बल्कि राजनीति को सेवा से जोड़ने का सशक्त प्रयास है। यदि इन गतिविधियों की निरंतरता बनी रही तो यह उत्तराखंड की राजनीति में एक नया मानक स्थापित कर सकती है।

जनता को भी इस अवसर को केवल ‘राजनीतिक शो’ न मानकर भागीदारी का उत्सव बनाना चाहिए। आखिरकार, लोकतंत्र में सबसे बड़ा उत्सव वही है जहाँ सत्ता, संगठन और समाज—तीनों मिलकर सेवा और समर्पण की राह पर आगे बढ़ें।




Spread the love