अब पुलिस ने बिना अनुमति के निकाले गए इस जुलूस के दौरान हुई हिंसक घटना में बड़ी कार्रवाई करते हुए पथराव और उनके साथ झड़प करने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की शिनाख्त इरफान, अबरार, कामिल, शमसाद और इरफान नाम के एक अन्य व्यक्ति के रूप में हुई है। पुलिस ने इस मामले में अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई हैं। गौरतलब है कि इस विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक काजी मोहम्मद निजामुद्दीन के समर्थकों ने पुलिस की अनुमति के बिना विजय जुलूस निकाला। विजय जुलूस के दौरान उन्होंने अन्य दलों के समर्थकों और कथित तौर पर हिंदू परिवारों के घरों और दुकानों पर पथराव किया। कांग्रेस विधायक के इस्लामवादी समर्थकों ने लाठी-डंडों से लोगों पर हमला भी किया। आरोप है कि उन्होंने पुलिस जवानों के साथ भी हाथापाई की।
खबरों के अनुसार, कांग्रेस MLA काजी निजामुद्दीन और उनके समर्थकों ने विजय जुलूस निकालने के लिए पुलिस से मंजूरी नहीं ली थी। इसके बाद, गुंडों ने इलाके में मौजूद दूसरे दलों के समर्थकों और जाट-गुज्जर तथा दलित जैसे हिंदू परिवारों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। उपद्रवी पुलिस के जवानों से भी भिड़ गए और सड़कों पर जमकर उत्पात मचाया, इस हंगामे के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए। इसके बाद पुलिस ने संगीता, एसआई नवीन नेगी और नौशाद की शिकायत के आधार पर संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया।
एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस MLA काजी निजामुद्दीन के समर्थकों ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वे आज “कानून तोड़ेंगे” क्योंकि विधानसभा सीट पर कांग्रेस नेता की जीत के बाद आज इसकी अनुमति है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरिद्वार SSP प्रमेंद्र डोभाल ने घटना में शामिल सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए। पुलिस ने आरोपियों की शिनाख्त के लिए साक्ष्य जुटाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें भी गठित की हैं।
आरोपियों की पहचान के लिए पुलिस टीम वीडियो फुटेज और इंटरनेट पर वायरल कई वीडियो के साथ-साथ मैनुअल इनपुट का विश्लेषण कर रही है। हिंसक घटना की जांच के दौरान पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम इरफान पुत्र जुएब, अबरार पुत्र शुएब और इरफान पुत्र दिलनवाज हैं। ये सभी मोहल्ला मिर्दगान, मंगलौर के रहने वाले हैं। अन्य दो आरोपियों में कामिल पुत्र साकिब और शमशाद पुत्र सनाउल्लाह शामिल हैं। ये सभी सराय अजीज, मंगलौर के रहने वाले हैं। इस मामले में आगे की पुलिस कार्रवाई चल रही है।
मंगलौर सीट से कभी नहीं जीता कोई गैर-मुस्लिम उम्मीदवार, कारण आबादी:-
2011 की जनगणना के आँकड़ों के मुताबिक, उत्तराखंड के मंगलौर क्षेत्र में लगभग 90% मुस्लिम आबादी रहती है। मंगलौर विधानसभा क्षेत्र की बात करें, तो यहाँ करीब 45% मुस्लिम मतदाता हैं, जबकि 20% दलित समुदाय के मतदाता हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, मंगलौर विधानसभा में 52,000 मुस्लिम जबकि 18,000 दलित, 14,000 जाट और 8,000 गुज्जर मतदाता हैं। 2002 से लगातार मंगलौर सीट से कांग्रेस और बसपा के मुस्लिम प्रत्याशी ही जीत दर्ज करते आ रहे हैं। 2024 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज करने वाले काजी निजामुदीन 2002 में बसपा के ही उम्मीदवार थे।