उत्तराखंड मुख्यमंत्री सिंह पुष्कर धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड में भी कर्मचारियों और अफसरों के लिए केंद्र सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लागू करने की मंजूरी दे दी है।

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इसके साथ ही कर्मचारियों की पदोन्नति में शिथिलता का लाभ देने की पुरानी मांग को भी पूरा किया गया। इससे विभागों में पदोन्नति के रास्ते खुलेंगे।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए सचिव गोपन शैलेश बगोली ने बताया कि बैठक में 18 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। उत्तराखंड में मौजूदा समय में एक लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम योजना से जुड़े हैं। अक्तूबर 2005 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के दायरे में लाया गया। इस योजना में अभी करीब सवा लाख कर्मचारी हैं।

नई पेंशन स्कीम से जुड़े कर्मचारी एक दशक से लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू किए जाने की मांग करते आ रहे हैं। इसी दबाव में कई राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया गया।

उत्तराखंड में भी कर्मचारी ओपीएस को लेकर आंदोलनरत हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने पेंशन योजना के तीसरे विकल्प के रूप में यूपीएस को लागू कर दिया। अभी तक उत्तराखंड में इस योजना को लागू नहीं किया गया था। सोमवार को कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी देते हुए उत्तराखंड में यूपीएस का रास्ता साफ कर दिया है।

पदोन्नति में शिथिलता का लाभ उत्तराखंड में जून 2024 से मिलना बंद हो गया था। कर्मचारी इस सुविधा को शुरू करने की मांग को लेकर दबाव बनाए हुए थे। पंचायत चुनाव से ठीक पहले सरकार ने कर्मचारियों की इस मांग को पूरा कर दिया है। अब विभागों में पदोन्नति के खाली पदों पर प्रमोशन का लाभ कर्मचारियों को मिल पाएगा।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम केंद्र सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम में यदि किसी सरकारी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक सेवा दी तो रिटायरमेंट के पहले नौकरी के आखिरी 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा।

इनकार पर नहीं मिलेगा लाभ एक ही बैच का कोई जूनियर कर्मचारी यदि प्रमोशन में शिथिलता का लाभ लेना चाहता है और उससे सीनियर कर्मचारी यह लाभ लेने से इनकार करता है तो भविष्य में सीनियर कर्मचारी को प्रमोशन में शिथिलता के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा। अलबत्ता, वह रूटीन प्रमोशन के लाभ का हकदार रहेगा। नियमावली में इसे स्पष्ट किया गया है।

कैबिनेट बैठक के यह अन्य फैसले:

– मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को मंजूरी

-मुख्यमंत्री स्वयं सहायता समूह सशक्तीकरण योजना के तहत पांच योजनाओं के लिए की गई धन की व्यवस्था

-ऊधमसिंह नगर स्थित प्राग फार्म की 1354 एकड़ भूमि सिडकुल को हस्तांतरित की जाएगी

-स्टाम्प एवं निबंधन विभाग में विभागीय ढांचा का होगा पुनर्गठन

-मत्स्य विभाग के तहत ट्राउट प्रोत्साहन योजना को मंजूरी

-सतर्कता विभाग में रिवॉल्विंग फंड के संचालन को नियमावली स्वीकृति

-राज्य सम्पत्ति विभाग की समूह क और ख सेवा नियमावली को मंजूरी

-निदेशालय, पेंशन एवं हकदारी के तहत मिनिस्ट्रियल संवर्ग के पदों के सृजन पर लिया गया निर्णय

-उत्तराखंड भारतीय नागरिक सुरक्षा नियमावली को मंजूरी

– उत्तराखंड के आंदोलन का इतिहास, लोक संस्कृति के विभिन्न आयाम पाठ्य पुस्तकों में शामिल होंगे।

– कारागार विभाग, उप महानिरीक्षक, वरिष्ठ अधीक्षक एवं अधीक्षक की सेवा नियमावली को मंजूरी।

-गन्ने की अगेती और सामान्य प्रजाति का मूल्य यथावत रहेगा

– उत्तराखंड पुलिस सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली को मंजूरी।

– कुमाऊं क्षेत्र की कोसी, गोला और दाबका नदियों के खनन रॉयल्टी शुल्क में संशोधन


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