
नवरात्रि में देवी दुर्गा की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही देवी दुर्गा का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. आपको बता दें कि इस बार नवरात्रि 8 दिन की होगी. तिथियों में बदलाव होने के कारण अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन होगी. ऐसे में आइए जानते हैं अष्टमी की तिथि और पूजा विधि (ashtami tithi & puja vidhi)…


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
अष्टमी तिथि कब से कब तक – From when to when is Ashtami Tithi
अष्टमी तिथि 4 अप्रैल रात 8 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी, जिसका समापन 5 अप्रैल रात 7 बजकर 26 मिनट पर होगा. उदयातिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है इसलिए अष्टमी 5 अप्रैल दिन शनिवार को मनाई जाएगी.
नवरात्रि अष्टमी पूजा विधि – Navratri Ashtami Puja Vidhi
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें.
- इसके बाद साफ वस्त्र धारण करिए.
- फिर आप देवी दुर्गा का ध्यान करके व्रत का संकल्प लीजिए.
- अब आप पूजा स्थान को अच्छे से साफ करें.
- अब मां को फल फूल चढ़ाएं और तिलक लगाएं.
- फिर आप धूप बत्ती और घी का दीपक जलाएं.
- अब आप फल और मिठाई चढ़ाएं.
- इसके बाद आप दुर्गा सप्तशती और चालीसा का पाठ करिए.
- फिर अंत में कपूर और लौंग रखकर मां की आरती करिए.
चैत्र नवरात्रि अष्टमी मंत्र – Ashtami mantra’s
अष्टमी मंत्र
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।। या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
बीज मंत्र
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
पूजन मंत्र
श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव-प्रमोद-दा।।
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।
नवरात्रि में क्या होगी मां की सवारी
इस बार मां दुर्गा नवरात्रि में हाथी पर सवार होकर आएंगी. आपको बता दें कि माता का हाथी पर सवार होकर आना बहुत शुभ माना जाता है. यह शांति और शुभता का प्रतीक माना जाता है साथ ही हाथी पर आना खुशहाली और धन-धान्य का भी संकेत होता है.
