राहुल गांधी ने बताया कि ‘आज हमारे देश में जो लड़ाई चल रही है, वह हमारे संविधान की रक्षा के लिए है.’ उन्होंने कहा कि जो सुरक्षा और महानता हमें मिलती है, वह सब संविधान से ही आती है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि संविधान को उन लोगों ने लिखा जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़े, कष्ट सहा, और वर्षों जेल में रहे. राहुल ने बताया कि उन्होंने संविधान को विनम्रता, प्रेम, और राष्ट्र के प्रति गहरी लगन के साथ लिखा.उन्होंने इसे प्रेम और घृणा के बीच की लड़ाई के रूप में भी वर्णित किया.
‘यह आत्मविश्वास और असुरक्षा के बीच की लड़ाई’
राहुल गांधी ने कहा, “यह आत्मविश्वास और असुरक्षा के बीच की लड़ाई है.’ उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि यदि वे इस लड़ाई को जीतना चाहते हैं, तो उन्हें अपने दिल से गुस्सा और नफरत को हटाकर प्यार, विनम्रता और करुणा लानी होगी.राहुल ने अपनी बहन प्रियंका गांधी के दयालु स्वभाव के बारे में बात की और अपने बचपन की कुछ यादें साझा कीं.
उन्होंने एक खास घटना का जिक्र किया जब प्रियंका ने अपने पिता राजीव गांधी की हत्या में शामिल एक महिला, नलिनी, से मिलीं और उसे गले लगाया. इस मुलाकात के बाद प्रियंका भावुक हो गईं और उन्होंने अपनी सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें नलिनी पर दया आती है.
‘राजनीति में बदलाव की आवश्यकता’
राहुल गांधी ने कहा, ‘यह वह ट्रेनिंग है जो उन्हें मिली है, और भारत में इसी तरह की राजनीति की जरूरत है. हमें नफरत की राजनीति के बजाय प्यार और स्नेह की राजनीति की आवश्यकता है.”प्रियंका गांधी ने अपने प्रचार अभियान के दौरान केंद्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने व्यापारिक सहयोगियों के हितों को हर चीज़ से ऊपर रखा है.
BJP पर लगाए ये आरोप
उन्होंने कहा, ‘मोदी जी की सरकार केवल बड़े व्यवसायी मित्रों के लिए काम कर रही है. उनका उद्देश्य आपको एक बेहतर जीवन देना नहीं है, न ही वे शिक्षित युवाओं के लिए नई नौकरियों की तलाश कर रहे हैं.उनका लक्ष्य बेहतर स्वास्थ्य या शिक्षा प्रदान करना भी नहीं है.’