निगम के प्रबंध निदेशक व जिलाधिकारी उदयराज सिंह, इसमें मडुवा, मादिर, गहत, रामदाना, काला भट्ट आदि का बीज शामिल है। उन्होंने कहा कि मांग के अुनसार बीच की आपूर्ति बढ़ाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि गतवर्ष निगम की ओर से उत्पादित समस्त बीज मात्रा का विक्रय सुनिश्चित कर लिया गया है। इससे आने वाले समय में निगम को लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है। निगम वर्तमान संकट की स्थिति से बाहर निकलकर नई ऊंचाइयों को छुएगा। इसके लिए सभी आवश्यक सहयोग राज्य सरकार निगम को प्रदान कर रही है। निगम का अपना सुदृढ़ विपणन तंत्र है, जिसके माध्यम से प्रमाणित बीजों की विक्री उत्तराखंड के अतिरिक्त यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और पंजाब आदि राज्यों में की जा रही है। निगम के प्रबंध निदेशक व जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने कृषक अंशधारियों को बताया कि वर्तमान में निगम प्रबंधन उपलब्ध बीज मात्रा के विक्रय के सार्थक प्रयास कर रहा है। आगामी सत्र में व्यवसाय में वृद्धि लाने के लिए नई रणनीति तैयार की जा रही है। विविधिकरण योजना के तहत उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में सब्जी बीज, जैविक खाद, जैविक रसायन आदि की आपूर्ति के लिए विभिन्न फर्मों से एमओयू किए जा रहे हैं।
बैठक में कृषक अंशधारी राजेंद्र पाल सिंह, एनके तिवारी, विजय भुड्डी, डीएन मिश्रा, सुरेंद्र नरूला, टीकम सिंह खेड़ा, ओपी श्रीवास्तव, धर्मपाल, अविनाश गुप्ता, जीएस बरार आदि ने निगम के उत्थान के लिए सुझाव दिए। इनपर टीडीसी अध्यक्ष ने सकारात्मक पहल करने का आवश्वासन दिया। इस अवसर पर निगम के महाप्रबंधक डॉ. एके वर्मा, निदेशक अनुसंधान केन्द्र डॉ. एके नैन, डॉ. जयंत सिंह, डॉ़ दीपक पाण्डेय, जीसी तिवारी, रीता आर्या, कमल श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव, अंगद सिंह, पीके सिंह, दिगम्बर प्रसाद, उपेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।