भ्रष्टाचार सार्वजनिक क्षेत्र में हमारे सर्वोत्तम हित में कार्य करने के हमारे भरोसे को भी ख़त्म कर देता है।सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों, प्रधानाचार्यों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

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भ्रष्टाचार, शिक्षा के मूल्य में भ्रष्टाचार,सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों, प्रधानाचार्यों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

नियमित भर्ती पर रोक लगने के बाद पठन-पाठन को प्रभावित नहीं होने देने को विद्यालयों को अपने खर्च पर अस्थायी व्यवस्था के माध्यम से काम चलाने को कहा गया है। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन ने इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी किए।

नियुक्तियों में अनियमितता की मिली थी शिकायत

शासन को सहायताप्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्तियों में अनियमितता की शिकायत मिली थी। विभिन्न माध्यमों से प्राप्त इन शिकायतों पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। इन विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती विद्यालयी शिक्षा अधिनियम, 2006 एवं विद्यालयी शिक्षा विनियम, 2009 में उल्लिखित व्यवस्था के अनुसार की जाती है।

पारदर्शिता से होनी चाहिए योग्य शिक्षक व शिक्षणेत्तर की भर्तियां

शासनादेश में कहा गया कि विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए योग्य शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भर्तियां पारदर्शिता से होनी चाहिए। इसे देखते हुए इन विद्यालयों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, सहायक अध्यापक के साथ ही कनिष्ठ सहायक, वरिष्ठ सहायक के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अग्रिम आदेशों तक स्थगित की गई है। सचिव ने आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है।


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