कत्यूर घाटी के दूरस्थ क्षेत्र में हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित प्रसिद्ध लिंग देवता मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने लिंग देवता की पूजा अर्चना की और पशुपालकों ने देवता को धिनाली चढ़ाई।

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मक्खन का भोग लगाया। गरुड़ की पिंगलो घाटी के दूरस्थ पहाड़ी में स्थित लिंग देवता मंदिर में शुक्रवार को भव्य मेला आयोजित किया गया।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

मेले में कत्यूर घाटी के दर्जनों गांवों के पशुपालक व भक्त समेत ग्वालदम, देवाल से भी लोग पूजा-पाठ करने यहां पहुंचे थे। क्षेत्र के पशुपालकों ने लिंग देवता को दूध, दही, घी, मक्खन का भोग लगाया और अपनी सुख-समृद्धि के अलावा पशुओं के लिए भी मन्नत मांगी। ऐसी मान्यता है कि लिंग देवता को मक्खन का भोग लगाने से धिनाली में वृद्धि होती है और पशुओं में भी बरक्कत आती है। इस मौके पर नौघर, सिटोली, माल्दे, गैरलेख, पिंगलों, मैगड़ीस्टेट, छ्त्यानी, मजकोट समेत ग्वालदम, देवाल, थराली, लोल्टी आदि क्षेत्रों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे।


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