उत्तराखंड के देहरादून जिले में ऋषिकेश और प्रेमनगर अस्पताल में जन्मे करीब तीन हजार बच्चों का डाटा जन्म प्रमाण पत्र के पोर्टल से गायब है। पोर्टल पर डाटा नहीं दिखने से यहां पर डुप्लीकेट कॉपी लेने आने एवं त्रुटियां दूर कराने आने वाले परिजन भटक रहे हैं।

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लोगों की समस्या पर सीएमओ कार्यालय की ओर से इस संबंध में रजिस्ट्रार ऑफ इंडिया को पत्राचार किया गया है।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

ऋषिकेश अस्पताल में हर माह 130 से 150 और प्रेमनगर में 40 से 60 प्रसव होते हैं। ऋषिकेश में 2015-16 में जन्मे करीब 1800 एवं प्रेमनगर में 2015 और 2016 में जन्मे करीब 1200 बच्चों का डाटा भारत सरकार के पोर्टल पर नहीं दिख रहा है।

परिजनों को स्कूलों में दाखिलों के समय अब दिक्कत आ रही है। प्रेमनगर अस्पताल के सीएमएस डॉ. शिवमोहन शुक्ला का कहना है कि डाटा नहीं दिखने की समस्या से सीएमओ कार्यालय में अवगत कराया गया है। जल्द समस्या समाधान की उम्मीद है।

सीएमओ देहरादून डॉ. मनोज शर्मा कहते हैं कि ऋषिकेश में सब रजिस्ट्रार की आईडी बंद हो गई थी, रजिस्ट्रार की बनी थी। जो डाटा नहीं दिख रहा है, वह सब रजिस्ट्रार की आईडी का है। इस डाटा को रजिस्ट्रार की आईडी में मर्ज करने को रजिस्ट्रार ऑफ इंडिया से पत्राचार किया गया है। वार्ता कर समस्या हल कराई जा रही है। प्रेमनगर से लिखित में नहीं आया है। वहां की समस्या का भी समाधान कराएंगे।

लोग परेशान हो रहे परेशान

कांग्रेस की जिला प्रवक्ता ने बताया कि काफी लोग जन्म प्रमाण पत्र का डाटा नहीं मिलने से वापस लौट रहे हैं। बड़ोवाला के अविनाश, पीतांबरपुर के संजय यादव, स्मिथनगर के आशीष आदि ने बताया कि वह त्रुटि दूर कराने एवं डुप्लीकेट प्रमाण पत्र के लिए गए थे, लेकिन यह कहकर वापस भेज दिया गया डाटा उपलब्ध नहीं है।


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