
15 अगस्त 2025 को भारत ने अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरे उत्साह और गर्व के साथ मनाया। दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने लगातार 12वीं बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए देशवासियों के सामने ‘नया भारत’ का स्पष्ट और सशक्त विज़न प्रस्तुत किया। यह केवल एक भाषण नहीं, बल्कि 2047 तक विकसित, समृद्ध, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का रोडमैप था।

संपादकीय हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स
प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने अपने संबोधन में कानून सुधारों पर विशेष बल दिया। उन्होंने बताया कि सरकार ने पुराने और अप्रासंगिक हो चुके 1,500 से अधिक कानून समाप्त कर दिए हैं, जिनमें 280 से ज्यादा आयकर धाराएं भी शामिल हैं। अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को पूर्णतः करमुक्त कर दिया गया है, जो मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बड़ी राहत है। यह कदम न केवल करदाताओं का बोझ कम करेगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेगा।
सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि औपनिवेशिक दौर की दंड संहिता को समाप्त कर ‘नई न्याय संहिता’ लागू की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने कहा कि अब भारत दंड के भय पर नहीं, बल्कि नागरिकों के प्रति विश्वास और भागीदारी की भावना पर आधारित शासन की ओर बढ़ रहा है।
समारोह में 5000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया, जिनमें स्पेशल ओलंपिक्स 2025 के खिलाड़ी, किसान, सरपंच, युवा लेखक और स्वच्छता कर्मी शामिल थे। यह स्पष्ट संदेश है कि नया भारत केवल राजनीतिक नेतृत्व का नहीं, बल्कि हर नागरिक का है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी स्पष्ट किया कि सुधार केवल आर्थिक क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं, बल्कि नागरिक जीवन को सरल, सुरक्षित और गरिमापूर्ण बनाने की दिशा में भी हैं। दुनिया में अस्थिरता के माहौल के बावजूद भारत आज मजबूती से खड़ा है, और यह मजबूती हमारे लोकतंत्र, सामाजिक एकजुटता और निरंतर प्रगति से आती है।
79वां स्वतंत्रता दिवस केवल अतीत के बलिदानों को याद करने का अवसर नहीं था, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने का भी दिन था। प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का भाषण इस बात का प्रमाण है कि भारत अब आत्मविश्वास, विकास और एकता की राह पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। यही ‘नया भारत’ की पहचान है – जहां हर नागरिक साझेदार है और हर सपना संभव है।
स्वतंत्रता दिवस – संकल्प से सिद्धि की ओर भारत,आज भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस गर्व, उल्लास और राष्ट्रीय एकता की भावना के साथ मना रहा है। 15 अगस्त 1947 को मिली आज़ादी केवल राजनीतिक स्वतंत्रता का प्रतीक नहीं थी, बल्कि यह करोड़ों भारतीयों के बलिदान, त्याग और संघर्ष का परिणाम थी। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की रक्षा और राष्ट्र की प्रगति, दोनों हमारी सामूहिक जिम्मेदारियां हैं।
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘नया भारत’ का स्पष्ट विज़न प्रस्तुत किया। 2047 तक भारत को समृद्ध, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ उन्होंने कानून सुधारों, आर्थिक सरलीकरण और नागरिक जीवन को आसान बनाने के लिए उठाए गए कदमों पर जोर दिया। 280 से अधिक आयकर धाराओं का समाप्त होना और 12 लाख रुपये तक की आय पर करमुक्ति मध्यमवर्ग के लिए बड़ी राहत है। औपनिवेशिक दंड संहिता को समाप्त कर ‘नई न्याय संहिता’ लागू करना न्याय व्यवस्था में नागरिकों के प्रति विश्वास का भाव प्रकट करता है।इस वर्ष के समारोह में किसानों, खिलाड़ियों, सरपंचों, स्वच्छता कर्मियों और युवा लेखकों को विशेष आमंत्रण देकर यह संदेश दिया गया कि देश की असली ताकत उसकी विविधता और हर नागरिक की सहभागिता में निहित है।
आजादी का यह पर्व केवल अतीत के गौरव का स्मरण नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने का अवसर है। बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत को अपनी एकता, पारदर्शिता और प्रगति की राह पर निरंतर आगे बढ़ना होगा। हमें संकल्प लेना होगा कि हम न केवल अपने अधिकारों का सम्मान करेंगे, बल्कि अपने कर्तव्यों का भी पालन करेंगे।
यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी उन वीरों के लिए जिन्होंने हमें यह अमूल्य स्वतंत्रता दिलाई – और यही होगा एक सशक्त, आत्मनिर्भर और गौरवशाली भारत की ओर हमारा योगदान।


