इसका उद्देश्य उत्तराखंड में बौद्विक रूप से जीवंत शैक्षणिक वातावरण तैयार करना है।
विभिन्न कार्यक्रम के जरिए प्रदेश के विद्यालयी एवं उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों तथा अध्यापकों को विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे विकास से परिचित कराने के साथ विज्ञान शिक्षा अनुसंधान एवं उसके अनुप्रयागों से आमजन को लाभांवित किया जाएगा।
समस्त वैज्ञानिक कार्यों के सुगमतापूर्वक संचालन के लिए कुछ महत्वपूर्ण संस्थानों के साथ यूसर्क की ओर से एमओयू किए गए हैं। यूसर्क देहरादून एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश (एम्स) के मध्य छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों को विज्ञान शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार के साथ वैज्ञानिक अभिवृत्ति के विकास तथा स्वास्थ्य विज्ञान संबंधी शिक्षा एवं शोध को बढ़ावा देने व छात्र-छात्राओं को प्रायोगिक ज्ञान, हैंड्स-ऑन-ट्रेनिंग, एक्सपोजर विजिट, फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के साथ एम्स जैसे संस्थान में एक्सपोजर प्रदान करने के लिए ‘मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग’ पर गुरुवार को एम्स ऋषिकेश में हस्ताक्षर किए गए।
उक्त समझौते पर उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) की निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश (एम्स) की निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने हस्ताक्षर किए। उक्त समझौते के आधार पर दोनों संस्थान मिलकर उत्तराखंड जैसे भौगोलिक रूप से विशिष्ट राज्य के छात्र-छात्राओं को विज्ञान शिक्षा तथा वैज्ञानिक अनुसंधानों को स्तरीय बनाने तथा इसके अनुप्रयोगों तथा लाभों को प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए मिलकर काम करेंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्था एम्स ऋषिकेश के साथ यूसर्क के समझौते का लक्ष्य उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों को बुनियादी विज्ञान (बेसिक साइंस) के अग्रणी एवं नवीन क्षेत्रों में हो रहे शोधों से परिचित कराना तथा उन्हें लाभान्वित करना है, ताकि उत्तराखंड में भी बौद्विक रूप से जीवंत शैक्षणिक वातावरण तैयार किया जा सके।
इस समझौते का मूल उद्देश्य इस समझौते के माध्यम से यूसर्क द्वारा प्रदेश भर के विद्यार्थियों के लिए एम्स में विभिन्न शैक्षिक एवं वैज्ञानिक गतिविधियां संचालित करने में सुगमता होगी ही, शैक्षणिक उत्कृष्टता तथा नवीन अनुसंधानों के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरते संस्थानों से प्रदेश के युवाओं को परिचित करवाकर शोध के लिए प्रेरित करना है। इस दौरान यूसर्क के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ओ नौटियाल, एम्स ऋषिकेश के विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय व बायोकेमेस्ट्री विभाग की प्रोफेसर डॉ. मनीषा नैथानी आदि उपस्थित थे।