Dehradun Builder Suicide: बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी उर्फ बाबा साहनी की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने आरोपित अजय कुमार गुप्ता व उनके बहनोई अनिल कुमार गुप्ता के घर से सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और डीवीआर कब्जे में लिए हैं।

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हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /प्रिंटिंग मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स /संपादक अवतार सिंह बिष्ट , रूद्रपुर, उत्तराखंड

कुछ इलेक्ट्रानिक साक्ष्य जुटाए और वहां तैनात कर्मचारियों से पूछताछ की। देर शाम तक सर्च अभियान जारी था।

बीते शुक्रवार को बिल्डर साहनी ने सहस्रधारा रोड स्थित पैसेफिक गोल्फ अपार्टमेंट के आठवीं मंजिल पर स्थित अपनी विवाहित बेटी के फ्लैट की बालकनी से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उनकी जेब से मिले सुसाइड नोट व उनके बेटे के बयान के आधार पर पुलिस ने सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के निवासी अजय कुमार गुप्ता व उनके बहनोई अनिल गुप्ता (गुप्ता बंधु) के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया। राजपुर थाना पुलिस ने दोनों आरोपितों को उनके कर्जन रोड स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया था।

सतेंद्र साहनी के बेटे की ओर से एसपी सिटी प्रमोद कुमार को दिए शिकायतपत्र की जांच के बाद पुलिस ने मुकदमे में जबरन वसूली और धोखाधड़ी की धाराएं बढ़ा दीं। इसी मामले में साक्ष्य जुटाने के लिए एसएसपी अजय सिंह ने गुरुवार को सीओ अनिल जोशी की देखरेख में टीम गठित की।

इसमें राजपुर थाने से जांच अधिकारी सुमेर सिंह, डालनवाला कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राकेश गुसांई और एलआइयू से प्रदीप नेगी की देखरेख में टीम ने गुप्ता बंधु की कर्जन रोड क्षेत्र स्थित कोठी सर्च की। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि घटना से पूर्व गुप्ता बंधु के संपर्क में कौन-कौन था और गुप्ता के घर पर मिलने के लिए कौन-कौन आता था। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित दो आडियों की भी जांच की जा रही है।

यह है पूरा मामला

रेसकोर्स निवासी बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी वर्तमान में साहनी स्ट्रक्चर एलएलपी व साहनी इंफ्रा एलएलपी के नाम से सहस्रधारा हेलीपैड के निकट और राजपुर रोड पर अम्मा कैफे के पास दो आवासीय परियोजनाओं का निर्माण करा रहे थे।

इसमें पूर्व में दो पार्टनर थे, जिसमें एक सतेंद्र साहनी व दूसरा बिल्डर संजय गर्ग। परियोजना का बजट काफी अधिक होने के कारण सतेंद्र साहनी ने अपने परिचित भाजपा नेता बलजीत सोनी से संपर्क कर उनकी परियोजना के लिए किसी बड़े फाइनेंसर की तलाश करने को कहा। बलजीत सोनी ने उनकी मुलाकात सहारनपुर के चर्चित कारोबारी अनिल गुप्ता से कराई।

दो पार्टनर ने खींच लिए थे परियोजना से हाथ

गुप्ता बंधु पूर्व में काफी विवादों में रह चुके हैं, ऐसे में सतेंद्र सिंह साहनी ने शर्त रखी कि परियोजना में रकम लगाने के बावजूद वह न तो निर्माण साइट पर आएंगे और न ही अपना नाम परियोजना की पार्टनरशिप में सार्वजनिक करेंगे। दोनों में इसका लिखित समझौता हो गया।

परियोजना पर आरोपितों ने कुल लागत की 85 प्रतिशत धनराशि लगा दी। आरोप है कि इसके बाद समझौते का उल्लंघन करते हुए अजय कुमार गुप्ता ने परियोजना के कार्यों में हस्तक्षेप कर साइट पर आना-जाना शुरू कर दिया। उन्होंने साइट पर अपना प्रतिनिधि भी नियुक्त कर दिया। इसके बाद साहनी के दो पार्टनरों ने परियोजना से हाथ खींच लिए। आरोप है कि इससे परेशान होकर साहनी ने आत्मघाती कदम उठाया

बिल्डर साहनी के प्रकरण पर ईडी की भी नजर

देहरादून शहर के नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी की आत्महत्या का मामला नया मोड़ ले सकता है। प्रकरण आत्महत्या के लिए उकसाने, जबरन वसूली और धमकाने से भी आगे बढ़ सकता है। इस पूरे प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय भी बारीकी से नजर बनाए हुए है। हालांकि, ईडी अधिकारी सीधे हाथ डालने की जगह शिकायत का इंतजार कर रही है।

सूत्रों की मानें तो ईडी के अधिकारियों ने मृतक सतेंद्र साहनी के मूल पार्टनर संजय गर्ग से संपर्क साधा था। जिसका मंतव्य यह था की यदि वह मामले में कोई शिकायत दर्ज कराते हैं तो ईडी दर्ज एफआइआर के आधार पर आगे बढ़ सकती है। बताया जा रहा है कि साहनी मामले में ईडी की दिलचस्पी उस फैक्ट के बाद बढ़ी, जिसमें ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट के तहत अनिल गुप्ता और अजय गुप्ता की ओर से सहस्रधारा रोड व राजपुर रोड की आवासीय परियोजनाओं के लिए फंडिंग मुहैया कराई गई।

ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि जो ट्रांजेक्शन किया गया है, उसके स्रोत क्या हैं। क्योंकि, फंडिंग को लेकर आत्महत्या से पहले सतेंद्र साहनी के साथ ही उनके मूल पार्टनर संजय गर्ग ने भी कुछ आपत्ति की थी। इस बात का जिक्र स्वयं सतेंद्र साहनी ने पुलिस को दी शिकायत में किया था। अब चूंकि सतेंद्र साहनी इस दुनिया में नहीं हैं तो उनके मूल पार्टनर ही ट्रांजेक्शन पर दर्ज कराई गई आपत्ति को साफ कर सकते हैं।

यही कारण है कि ईडी को शिकायत मिलने का इंतजार है। हालांकि, बताया जा रहा है कि एक बार के संपर्क पर संजय गर्ग ने किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है। ऐसे में ईडी अब मामले में आगे बढ़ने के लिए एफआइआर के साथ पुलिस जांच के अन्य पहलुओं के आधार पर भी आगे बढ़ सकती है। ईडी जांच के लिए एसएसपी ने लिखा पत्र बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी आत्महत्या मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कंपनी के खातों में गुप्ता परिवार व विभिन्न माध्यमों से संदिग्ध धनराशि के लेनदेन की संभावना को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखा है।

एसएसपी ने बताया कि राजपुर थाने में दर्ज मुकदमे में विवेचना के दौरान अजय कुमार गुप्ता व अनिल कुमार गुप्ता की ओर से प्रोजेक्ट में जो धनराशि लगाई गई है, वह शैल कंपनियों की हो सकती है। इसमें मनी लांड्रिंग की संभावना भी है। ऐसे में इसकी विस्तृत जांच के लिए ईडी से पत्राचार किया गया है। गुप्ता बंधु की जमानत पर तीन जून को होगी सुनवाई सतेंद्र साहनी की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार अजय कुमार गुप्ता व उनके बहनोई अनिल कुमार की जमानत पर तीन जून को सुनवाई होगी।

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निचली कोर्ट से जमानत खारिज होने के चलते बचाव पक्ष ने सेशन कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी। इसी दौरान पुलिस की ओर से दोनों आरोपितों के विरुद्ध जबरन वसूली और धोखाधड़ी की धाराओं में बढ़ोतरी की गई। ऐसे में राजपुर थाना पुलिस ने गुरुवार को अदालत में अर्जी दी कि दोनों आरोपितों के विरुद्ध दो धाराओं की बढ़ोतरी की गई है। पुलिस के अनुसार, आरोपितों के विरुद्ध जो दो धाराएं बढ़ाई गई हैं, उसमें दोनों को एक जून को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। इस मामले में दोनों को 24 मई को गिरफ्तार किया था। उन्हें 25 मई को कोर्ट पेश किया गया था। तब से दोनों जेल में हैं।


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