गिरोह के सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। रविवार को राजपुर थाना पुलिस ने अंतिम 10 हजार रुपये के इनामी आरोपी को मोहंड के निकट से गिरफ्तार किया।


हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर
आरोपी पर कुर्की की कार्रवाई भी चल रही थी और पुलिस ने उसके यमुनानगर हरियाणा में घर के बाहर तीन दिन से जेसीबी खड़ी की हुई थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि गिरोह के सदस्य संजीव कुमार व संजय गुप्ता ने राजपुर निवासी गोविंद सिंह पुंडीर से जमीन खरीदने के एवज में करोड़ों रुपये हड़प लिए थे। इस मामले में राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ तो आरोपी फरार हो गए।
थानाध्यक्ष पीडी भट्ट की देखरेख में टीम ने 14 जुलाई को गिरोह के सदस्य मोहम्मद अदनान को सहारनपुर, 19 जुलाई को अमजद अली, शरद गर्ग, साहिल को उत्तर प्रदेश व हरियाणा से जबकि रणवीर को हरियाणा से गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
पुलिस टीम ने गिरोह के सरगना बाबा अमरीक को 20 जुलाई को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि इस मामले में आरोपी संजीव कुमार तथा संजय गुप्ता लगातार फरार चल रहे थे जिनके विरुद्ध न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी हुए थे।
23 सितंबर को पुलिस ने आरोपी संजय गुप्ता को कचहरी परिसर से गिरफ्तार किया। रविवार को राजपुर थाना पुलिस की टीम गिरोह के अंतिम व मुख्य सदस्य संजीव कुमार की संपत्ति की कुर्की व उसकी गिरफ्तारी के लिए उसके निवासी यमुनानगर हरियाणा पहुंची।
कुर्की की भनक लगने व गिरफ्तारी से बचने के लिए संजीव कुमार अपने घर से फरार हो गया, जिसे पुलिस ने मोहंड के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के विरुद्ध विभिन्न राज्यों में धोखाधड़ी संबंधी 18 मुकदमे दर्ज हैं।
गिरोह सुनियोजित ढंग से करता था धोखाधड़ी
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर लोगों को जमीन दिलाने के एवज में उनके साथ धोखाधड़ी करता था। गिरोह के सदस्य भोले-भाले लोगों को सस्ते दामों में जमीन बेचने का लालच देकर अपने पास बुलाते थे तथा लोगों का विश्वास जीतने के लिए बाबा अमरीक की मदद से जमीन की मिट्टी को उठाकर उसे सूंघते हुए लोगों को जमीन उनके लिए उपयुक्त होने का विश्वास दिलाते थे। उनसे जमीन के एवज में मोटी धनराशि लेने के बाद तरह-तरह के बहाने बनाकर जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए बार-बार समय लिया जाता है तथा मौका देखकर सभी आरोपी वहां से फरार हो जाते थे।

