कोरोनाकाल के दौरान जेलों में सोशल डिस्टेंस को देखते हुए कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था लेकिन कई कैदी अभी तक वापस जेल नहीं पहुचे हैं. इन्होंने पुलिस की टेंशन बढ़ा दी है जिसके लिए पुलिस महकमा एक अभियान भी शुरू करने जा रहा है.

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इसमें उत्तराखंड की अलग-अलग जेलों से भी करीब 12 सौ कैदी पैरोल पर छोड़े गये थे. कोरोना तो खत्म हो गया, और 3 साल बाद भी पैरोल पर छोड़े गए कैदी वापस नहीं आए. अब जेल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इसकी जानकारी सभी जिलों के कप्तानों के साथ शेयर की है. साथ ही पुलिस अब इन कैदियों को पकड़ने के लिए स्पेशल अभियान भी शुरू कर रही है.

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

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1200 में से 550 पैरोल खत्‍म होने के बाद भी नहीं लौटे

हालांकि ये वो कैदी थे जो 5 साल से कम वाली सजा के आरोपों के चलते जेल में सजा काट रहे थे. ऐसे प्रदेश के करीब 12 सौ कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था. इसमें से अभी तक साढ़े 5 सौ कैदी पैरोल खत्म होने के बाद भी वापस जेल नहीं पहुंचे. करीब 100 ऐसे भी कैदी देखने को मिले हैं जो पैरोल के दौरान ही अपराधिक गतिविधियों में दोबारा सजा के लिए अन्य अपराधों में जेल पहुंचे थे.

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कैदी सरेंडर नहीं कर रहे, अब अभियान चलाने की है तैयारी

पुलिस का कहना है कि बड़ी संख्या में कैदी बाहर हैं. जिनका पैरोल का समय भी खत्म हो चुका है; उनकी जानकारी ढूंढे से भी नहीं मिल रही है. उधर ऐसे कैदियों के पते पर नियमानुसार सूचना भी भेजी जा रही है. ये कैदी सरेंडर नहीं कर रहे हैं. इसके लिए अब एक अभियान पुलिस शुरू करने जा रही है. वहीं जानकारी के मुताबिक इन अपराधियों में से आधे से ज्यादा अपराधी प्रदेश के बहार के राज्यों के हैं.


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